अग्निपथ: युवाओं के गुस्से को भुनाएगी RLD, जानिए UP में हो रही "युवा पंचायत" की INSIDE STORY
लखनऊ, 02 जुलाई: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कृषि बिल को लेकर पश्चिमी यूपी में लंबा अंदोलन चला था। इस आंदोलन में भारतीय किसान यूनियन के नेता भी शामिल था और इसको राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का भी समर्थन प्राप्त था। इस आंदोलन का लाभ आरएलडी को विधानसभा के चुनाव में मिला था। ठीक इसी तरह अब किसानों के बाद युवाओं को साधने की तैयारी आरएलडी ने कर दी है। इसके लिए पश्चिमी यूपी के कई शहरों में 'युवा पंचायत' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस पंचायत में अग्निपथ मुद्दे को उठाकर आरएलडी युवाओं के गुस्से को भुनाने का प्रयास करेगा।

किसाान आंदोलन की तरह अग्निपथ मुद्दे को तूल देने की कोशिश
केंद्र की अल्पकालिक सैनिकों की भर्ती योजना, अग्निपथ से असंतुष्ट युवाओं तक पहुंचने के लिए, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में "युवा पंचायत" नामक बैठकें आयोजित कर रहा है। आरएलडी के नेताओं की माने तो इन बैठकों के माध्यम से "योजना की कमियों की व्याख्या" की जाएगी और युवाओं से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अपील की जाएगी। इन बैठकों में युवाओं की बातों को सुना जाएगा और उनकी बातों को आगे तक पहुंचाया जाएगा। दरअसल, हाल के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में, रालोद ने समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में 33 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। इसमें जाट बहुल पश्चिमी यूपी की आठ सीटें जीतने में सफल रही थी।

युवा पंचायत की पहली बैठक में जयंत भी रहे मौजूद
युवा पंचायत को लेकर पहली बैठक 28 जून को शामली में हुई थी। जिसमें पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत पूर्व सैनिकों समेत अन्य पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया था। सभा को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा था कि योजना (अग्निपथ) बिना किसी चर्चा के लाई गई थी। इससे सेना की कमर टूट जाएगी। ऐसा लगता है कि वे (भाजपा) सब कुछ बेच रहे हैं और उनका निजीकरण कर रहे हैं, वे सेना को भी बेचने जा रहे हैं। चार साल में प्रशिक्षण नहीं ले पाएंगे युवा। सेना में दो हिस्से होंगे- एक स्थायी सैनिकों का और दूसरा अग्निवीर का। अगर युद्ध हुआ तो कौन लड़ेगा?"

अग्निपथ योजना से युवाओं का भविष्य अंधकारमय
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने वनइंडिया हिन्दी को बताया कि विधाानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार को जिस तरह से कृषि बिल पर वापस होना पड़ा था वही हाल अग्निपथ योजना का भी होगा। इस योजना से युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। कृषि बिल को लेकर भी हमारी पार्टी ने किसानों के समर्थन में कई पंचायतें कीं और अब, हम उन युवाओं के लिए भी यही कर रहे हैं जो सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहते हैं। आखिर इनकी बातों को कौन उठाएगा।

युवा पंचायत के बहाने युवाओं को जोड़ने की कवायद
रालोद के एक प्रदेश पदाधिकारी ने बताया कि दरअसल इन बैठकों के पीछे मुख्य रूप से युवाओं को पार्टी की ओर आकर्षित करना है। कौन सी पार्टी नहीं चाहती कि युवा उनके साथ रहें? और अगर हम आज मुश्किल समय में उनके साथ खड़े हैं, तो वे हमें अपने संरक्षक के रूप में देखेंगे। इसलिए हमने यह अभियान शुरू किया है। इन बैठकों के दौरान पार्टी के अलग-अलग नेता युवाओं को समझाते हैं कि वे किस तरह शांतिपूर्ण तरीके से अपने आंदोलन को आगे बढ़ा सकते हैं। एक बुनियादी सिद्धांत जो हम युवाओं को सिखाने की कोशिश कर रहे हैं, वह यह है कि उन्हें इस आंदोलन के दौरान शांतिपूर्ण रहना चाहिए।

जुलाई में पश्चिमी यूपी में 9 बैठकें करेगा रालोद
दरअसल 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना के विरोध में रालोद यूपी में युवा पंचायतों का आयोजन कर रही है, आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक 500 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरएलडी की प्रस्तावित बैठकें मुजफ्फरनगर (3 जुलाई), बिजनौर (4 जुलाई), बुलंदशहर (6 जुलाई), अमरोहा (8 जुलाई), मुरादाबाद (9 जुलाई), अलीगढ़ (11 जुलाई), आगरा (12 जुलाई) में होनी हैं। रालोद के एक नेता के अनुसार, गाजियाबाद (14 जुलाई) और बागपत (16 जुलाई), जहां अग्निपथ विरोधी आंदोलन का भविष्य तय किया जाएगा।