यूपी: चावल के दानों से अद्भुत कलाकारी करता है ये गब्बर सिंह, देखें वीडियो
रायबरेली। रायबरेली जिले के लालगंज बैसवारा थाना क्षेत्र के चांदा ग्राम निवासी गब्बर सिंह का नाम उत्तर प्रदेश बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इस बात की जानकारी देते हुए चित्रकार गब्बर सिंह ने बताया कि बीते वर्ष 15 अगस्त को 60 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने देश की शान तिरंगे की कलाकृति चावल के दानों से थर्माकोल पर उकेरी थी। गब्बर सिंह की खासियत है कि वह अपनी कलाकृति में चावल के दानों को खड़ा करके सजाते हैं। यही नहीं जल दिवस पर भी उन्होंने एक कलाकृति और बनाई थी, जिसका स्लोगन था 'जल है तो कल है।' गब्बर सिंह को इस तरह कई अवार्ड और ना जाने कितनी ही जगह सम्मानित भी किया जा चुका है।
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प्रतिभा के आड़ें नहीं आई गरीबी
लालगंज बैसवारा क्षेत्र के चांदा ग्राम निवासी गब्बर सिंह का नाम उत्तर प्रदेश बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था। वो कहते हैं ना कि प्रतिभा गरीब या अमीर का घर देख कर नहीं आती है। लालगंज के रहने वाले गब्बर सिंह भी एक गरीब परिवार से तालुक रखते है। और इन्होने उस गरीबी बावजूद भी खुद का एक अलग मुकाम बनाने की कोशिश की है। और अगर इसको सरकार और किसी समाज सेवी लोगों से कोई आर्थिक मदद मिल गई तो यह कलाकार आगे चलकर दुनिया में देश का नाम रोशन कर सकता है।
चावल के 1440 के दानों से बनाई कलाकृति
गब्बर सिंह ने तिरंगे को बनाने में 14440 चावल के दानों का प्रयोग किया था। गब्बर सिंह में अपनी इस प्रतिभा का कई जगह रिकॉर्ड दर्ज करवाने के लिए आवेदन किया था। जिसमें उत्तर प्रदेश बुक ऑफ रिकॉर्ड पुस्तक में उनका यह कीर्तिमान दर्ज कर उन्हें पुस्तक के संपादक प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रमाणपत्र और मेडल डाक द्वारा भेजा था। उन्होंने बताया कि इस रिकॉर्ड को उत्तर प्रदेश बुक ऑफ रिकॉर्ड की वेबसाइट पर भी डाला गया है।
कई बड़ी हस्तियां कर चुकी हैं प्रोत्साहित
सोशल मीडिया के जरिए देश की जानी मानी हस्ती कवि डॉक्टर सुनील जोगी, कवि चंदन राय डॉक्टर राकेश वैद, लिम्का बुक रिकॉर्ड विजेता हरिमोहन सिंह ऐठानी, मैथ जीनियस उत्तराखंड, आदि ने गब्बर सिंह की प्रतिभा को सलाम किया। बैसवारा क्षेत्र के गब्बर सिंह द्वारा उत्तर प्रदेश बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना कीर्तिमान स्थापित करने पर बैसवारा विकास समिति के प्रवक्ता आशीष प्रताप सिंह, लालगंज बैसवारा महोत्सव समिति की कार्यकारणी के अध्यक्ष एस.एन. सिंह, सचिव राघवेन्द्र सूर्यवंशी, आदि ने बधाई दी थी।
जल दिवस पर कलाकृति बनाकर दिया जल संरक्षण का संदेश दिया
चांदा गांव निवासी गब्बर सिंह ने विश्व जल दिवस पर थर्माकोल पर 11811 चावल के दानों से 'जल है तो कल है' की कलाकृति बनाई थी। उन्होंने बताया कि इस कलाकृति को बनाने में उन्हें करीब 50 घंटे का वक्त लगा था। इस कलाकृति की गांव के लोगो ने खूब सराहना की समाजसेवी केसी गुप्ता ने इस प्रयास के लिए गब्बर सिंह को सम्मानित करने की घोषणा भी की है।
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