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यूपी: विवेक तिवारी मर्डर केस में हुआ नया खुलासा, आरोपी सिपाही ने बाइक से उतरते ही मारी गोली

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लखनऊ। विवेक तिवारी हत्याकांड में आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी की फॉरेंसिक जांच में दलील खारिज होती नजर आ रही है। बता दें आरोपी सिपाही ने बताया था कि विवेक ने कार से उसकी बाइक को तीन बार टक्कर मारी थी, जिसके बाद उसने आत्मरक्षा में फायर किया। लेकिन जांच के बाद यह बात गलत साबित होती नजर आ रहा है। साथ ही पुलिस ने एक अलग ही स्क्रिप्ट तैयार की है ऐसा भी कहा जा रहा है। जुटाए गए साक्ष्यों के बाद दोनों गाड़ियों के बीच बस मामूली टक्कर की बात सामने आ रही है। जांच के बाद जो बात सामने आई है वह है कि प्रशांत ने बाइक से उतरते ही पिस्टल निकाली होगी। इसे देखकर विवेक ने भागने का प्रयास किया। अब तक की जांच के मुताबिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि घटना के बाद सिपाही की बाइक में काफी तोड़फोड़ की गई है। बताया जा रहा है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के हिसाब से गाड़ी को बाद में तोड़ा गया है।

फारेंसिक जांच में निकला ये

फारेंसिक जांच में निकला ये

फॉरेंसिक टीम के एक्सपर्ट के मुताबिक, आरोपी ने विवेक की कार से करीब ढाई से तीन फुट आगे साइड स्टैंड पर बाइक खड़ी की। बाइक से उतरते ही पिस्टल हाथ में लेकर विवेक की तरफ पहुंचा, लेकिन विवेक ने कार का शीशा नहीं खोला होगा। पिस्टल देखकर विवेक डर गए और भागने के प्रयास में कार आगे बढ़ा दी। विवेक ने कार की स्टेयरिंग पूरी घुमाई, लेकिन बाइक करीब होने के कारण उसका बायां पहिया बाइक के अगले पहिये में रगड़ा और बाइक गिर गई।

प्रशांत विवेक को भागन नहीं देना चाहता था

प्रशांत विवेक को भागन नहीं देना चाहता था

विवेक ने गाड़ी बैक कर फिर आगे बढ़ाई, लेकिन प्रशांत विवेक को भागने नहीं देना चाहता था। इसी कारण वह पिस्टल तानकर कार के सामने आ गया और गोली मारने के इरादे से पिस्टल चार्ज करने लगा। पिस्टल का बैरल और गाड़ी में बैठे विवेक की ऊंचाई बराबर होने के कारण फायर होते ही गोली ठुड्डी में जा धंसी।

गोली लगने का हिसाब कुछ ऐसा है

गोली लगने का हिसाब कुछ ऐसा है

फरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रशांत के पास 9 एमएम पिस्टल थी, जिसकी प्रभावी मारक क्षमता 55 यार्ड यानी 50 मीटर होती है, लेकिन इसकी अधिकतम रेंज 1800 मीटर है। प्रशांत ने जितनी दूरी से खड़े होकर गोली चलाई थी, बुलेट विवेक की गर्दन चीरते हुए पार हो जाती, लेकिन विंड स्क्रीन में टकराने के कारण बुलेट का रेंज कम हो गया और वह गर्दन में फंस गई। पुलिस ने मौके पर पड़ी बाइक में कार के बंपर के नीचे लग सपोर्टर फंसा दिखाया, जबकि फरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि बंपर में बाइक फंसने पर या तो वह घिसटते जाती या कार उसके ऊपर से चढ़कर निकलती।

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English summary
report disclosed of the case of vivek tiwari murder in lucknow
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