राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या पहुंचे लाल पत्थर, अखिलेश सरकार में था बैन!
मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या लाए गए इन पत्थरों को विश्व हिंदू परिषद के एक संगठन 'राम जन्मभूमि न्यास' और संतों की देखरेख में तराशा जा रहा है।
अयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा हो लेकिन हिंदूवादी संगठनों ने इसके निर्माण की कोशिशें तेज कर दी हैं। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद की देखरेख में तीन ट्रक भरकर लाल पत्थर विवादित राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या लाए गए। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
पत्थरों के बारे में पूछे जाने पर विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रकाश कुमार गुप्ता ने बताया कि ये लाल पत्थर राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के लिए लाए गए हैं। ये पत्थर पहले भी यहां लाए गए थे और अब फिर से इन्हें यहां लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अखिलेश यादव की सरकार में मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को लाने पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
रामसेवक पुरम में उतारे गए पत्थर
वीएचपी के मीडिया सलाहकार शरद शर्मा ने इस बारे में कहा, 'राम मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों के बड़े टुकड़े लाए गए हैं। अखिलेश यादव की सरकार में तो पत्थरों को लाने पर प्रतिबंध था लेकिन वर्तमान की योगी सरकार ने ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है।' इन पत्थरों को अयोध्या के रामसेवक पुरम में उतारा गया। राम मंदिर निर्माण के लिए वीएचपी ने रामसेवक पुरम नाम से स्टोररूम बनाया हुआ है।
मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या लाए गए इन पत्थरों को विश्व हिंदू परिषद के एक संगठन 'राम जन्मभूमि न्यास' और संतों की देखरेख में तराशा जा रहा है। राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास विवादित ढांचा गिराए जाने के केस में आरोपी हैं।
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