यूपी के इस शहर में लगती है रावण की सबसे बड़ी मंडी, 100 रूपए से लेकर 50 हजार तक है दाम
कानपुर। वैसे तो तमाम तरह की मंडी(बाजार) के बारे में आपने सुना होगा। हर मंडी में अलग-अलग चीजे बिकती हैं। सब्जी मंडी, गल्ला मंडी, लोहा मंडी, सोना मंडी इत्यादि तमाम प्रकार की मंडियां होती हैं। लेकिन क्या आपने कभी रावण की मंडी के बारे में सुना है। यह सच है की यूपी के कानपुर में रावण की एक बड़ी मंडी लगती है। यह मंडी दशहरा के समय हर साल लगती है। इस मंडी में 100 रूपए से लेकर 50,000 तक के रावण बिकते हैं। यह मंडी शहर के गोल चौराहे पर जी टी रोड के किनारे लगती है। लगभग डेढ़ किमी. तक फैली इस मंडी में हजारों की संख्या में रावण का पुतला बेचा जाता है। इस मंडी को सजाने तथा व्यवस्थित करने का काम दशहरा से एक महीने पूर्व ही शुरू हो जाता है।
ऐसा नहीं है कि इस मंडी में सिर्फ कानपुर के ही लोग रावण खरीदने आते हैं। यहां पूरे उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लोग रावण का पुतला खरीदने के लिए आते हैं तथा अपने मन का रावण खरीद कर ले जाते है। इस मंडी में 2 फुट से लेकर 40 फुट तक के रावण के पुतलों की मंडी लगती है। इनके लिए तो रावण ही इनकी रोजी रोटी का साधन है। यह मंडी यहां कब से लग रही है इस बात की सही जानकारी तो किसी को नहीं है लेकिन अंदाजा लगाया जाता है कि यहां मंडी लगने की शुरूआत आजादी के पहले से हुई है। यहां पर आने वाले खरीददारों का कहना है कि, हमने इतनी बड़ी मंडी पहले कभी नहीं देखी है। यहां पर हर तरह के रावण बनते हैं। यहां 100 रूपए से लेकर 50,000 तक के रावण बिक रहे हैं हां ये थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन अपनी जरूरत के हिसाब से हर कोई यहां रावण खरीद सकता है।
रावण का पुतला बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि हम लोग हर बार एक महीने पहले से ही रावण का पुतला बनाना चालू कर देते हैं। यहां दूर-दूर से लोग रावण खरीदने आते हैं। यह यूपी की सबसे बड़ी मंडी है। इस बार रावण की बिक्री में महंगाई ने ग्रहण लगा दिया है। क्योंकि डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने इसमें लगने वाले रॉ मैटेरियल को महंगा कर दिया है। बस भगवान से दुआ है कि महीनों की मेहनत इस बार बर्बाद न हो।
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