दलितों पर अत्याचार के विरोध में रावण ने जेल में शुरू की भूख हड़ताल
सहारनपुर। शनिवार से जिला कारागार में बंद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण ने अपनी भूख हड़ताल शुरू कर दी। हालांकि जेल प्रशासन की ओर से उसे इसकी अनुमति नहीं मिली है। इसके बावजूद शनिवार की सुबह से ही चंद्रशेखर ने जेल में कुछ खाया पिया नहीं है। दलितों पर पुलिसिया अत्याचार के विरोध में चंद्रशेखर ने शुरू की भूख हड़ताल अत्याचार खत्म ना होने तक जारी रखने की चेतावनी दी है। ऐसे में जेल प्रशासन और आला अधिकारियों के माथे पर भी बल पड़ गए हैं।
जैसा कि भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने आपसी मीटिंग के बाद शुक्रवार को प्रेस वार्ता में खुलासा किया था कि जिला कारागार में बंद भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण शनिवार से अपनी भूख हड़ताल शुरू करेंगे। इसके पीछे कारण बताया गया था कि भारत बंद के दौरान व इससे पूर्व भी दलितों पर पुलिस प्रशासन की ओर से जो भी अत्याचार किए गए हैं। जब तक वह नहीं रुकेंगे तब तक चंद्रशेखर की भूख हड़ताल जिला कारागार में जारी रहेगी। इसके लिए शुक्रवार को ही जेल अधीक्षक को पत्र भी दिया गया था। मगर भीम आर्मी के पदाधिकारियों के मुताबिक जेल अधीक्षक ने वह सोमवार को लेने को कहते हुए वापस लौटा दिया था। लेकिन चंद्रशेखर उर्फ रावण ने शनिवार की सुबह से ही कुछ नहीं खाया पिया है। सूत्र बताते हैं कि जिला कारागार में चंद्रशेखर रावण की भूख हड़ताल शुरू हो गई है और उसका कहना है कि यह भूख हड़ताल जब तक जारी रहेगी जब तक दलितों के ऊपर लगाए गए झूठे मुकदमे और उन पर हो रहे पुलिस अत्याचार समाप्त नहीं होंगे।
प्रशासन
की
बढ़ी
मुश्किलें
अब
ऐसे
में
जेल
प्रशासन
के
साथ-साथ
प्रशासनिक
व
पुलिस
अधिकारियों
की
मुश्किलें
भी
बढ़ती
नजर
आ
रही
हैं।
उम्मीद
है
कि
जल्द
ही
आला
अधिकारी
जिला
जेल
में
पहुंच
सकते
हैं
और
इस
संबंध
में
चंद्रशेखर
से
ही
बातचीत
हो
सकती
है।
अब
देखना
यह
है
कि
ऊंट
किस
करवट
बैठता
है।
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