टीवी का बाहुबली 'आरम्भ', एक्टर रजनीश दुग्गल ने खोले कई राज
'एक शॉट के दौरान बीस फिट ऊंचे पत्थर से आठ किलो की तलवार लेकर जंप करना था, और आज भी...'
वाराणसी। सबकी निगाहे एक बार फिर टेलीविजन पर रुकने जा रही हैं और हो भी क्यों ना? 4 जून की रात स्टार प्लस पर 5 हजार साल पुरानी परंपरा और युद्ध जो दर्शकों को अपनी ओर खींचने के लिए तैयार हो चका हैं। हलांकि ये सीरियल महज 100 एपिसोड का बनाया गया है पर इस सीरियल के लोग ये बताते हैं की पूरे 365 दिनों तक दिन रात कड़ी मेहनत कर इस पूरी टीम ने अपना समय दिया हैं। स्टार प्लस पर आने वाले सीरियल ''आरंभ'' में हॉरर मूवी 1920, एक पहेली लीला फेम रजनीश दुग्गल और टेलीविजन स्टार विपुल गुप्ता शो के प्रमोशन के लिए बुधवार को वाराणसी आए हुए थे। 'बाहुबली' और 'बाहुबली 2', मक्खी, बजरंगी भाई जान जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के राइटर केवी विजेंद्र ने "आरंभ" की कहानी लिखी है। दोनों ही होटल से मलदहिया स्थित एक कॉम्प्लेक्स पहुंचे, जहां फैंस के साथ उन्होंने जमकर सेल्फी खिंचवाई।
टेलीविजन का बहुबली है 'आरम्भ'
अपनी शूटिंग की बातें शेयर करते हुए फेमस एक्टर रजनीश दुग्गल ने बताया कि 24 जून से स्टार प्लस पर आने वाला सीरियल 'आरभ्म' जिसमें मैंने वरुण देव का रोल प्ले किया है वो अब तक के टेलीविजन इतिहास की सबसे महंगी और सबसे लंबी चलने वाला शूटिंग सीरियल है और कहानी लिखने वाले राइटर केवी विजेंद्र ने इसकी कहानी लिखी है और जब मैं और विपुल इस सीरियल की कहनी सुनने के बाद आपस में डिस्कस कर रहे थे तभी ये सोच लिया था कि तो ये सीरियल टेलीविजन के इतिहास में अपनी अलग पहचान छोड़ने जा रहा है। यही नहीं रजनीश ने OneIndia से बात करते हुए कहा है कि 24 जून से आने वाला "आरम्भ" बच्चों के युद्ध माध्यम से जहां रोचक लगने वाला है वहीं अभिभावक को इस सीरियल में 5000 साल पहले के इतिहास की जानकारियां मिलने वाली हैं।
टेलीविजन का सबसे महंगा सीरियल है 'आरम्भ'
यही नहीं टेलीविजन इतिहास में बाहुबली की तरह नेपाल में सीरियल के केवल एक वॉर सीक्वल को तीन दिन में करीब 18 से 20 घंटों में हजारों लोगों के साथ एक करोड़ से ज्यादा की लागत में शूट किया गया। बाहुबली में युद्ध में जिस तरह से उस काल के हथियारों, टेक्निक को दिखाया। आरंभ में आर्य और द्रविण सभ्यता काल के हथियार देखने को मिलेंगे। रजनीश ने बताया कि शो में वॉर, पैलेस, हॉर्स राइडिंग, फाइटिंग, सेट, लाइटिंग, ग्राफिक्स बिल्कुल उसी तर्ज के होंगे। पहली बार टेलीविजन इतिहास में इतना बड़ा सेट और वॉर सीन लिया गया है। बाहुबली पुरषों के वर्चस्व की कहानी थी, आरंभ महिला और पुरुष के टकराव की कहानी है। आर्य वॉरियर वरुणदेव और विपुल गुप्ता आर्य वॉरियर अबरूक के रूप में नजर आएंगे। ये आर्यावर्त की स्थापना से एपिक ड्रामे पर कहानी है। आर्य वॉरियर और द्रविण महिला वॉरियर कार्तिका नायर के बीच अस्तित्व पाने और बचाने के टकराव पर है। ये कहानी उस समय की है जब द्रविड़ भारतीय उपमहाद्वीप पर राज करते थे और आर्य जोकि पश्चिम की खानाबदोश जाति थी। योद्धा वरुणदेव का है जो द्रविण महिला वॉरियर कार्तिका नायर से टकराता है और कैसे पैलेस पॉलिटिक्स, लव, वॉर सबकुछ दिखेगा।
शूटिंग के बीच हुआ था हादसा, अभी भी खड़े हो जाते हैं रोंगटे
रजनीश ने हमें बताया कि उन्होंने इस सीरियल को प्ले करने के लिए बकायदा 6 महीने मार्सल आर्ट, एक महीने हॉर्स राइडिंग और बकायदे तलवार चलाने की ट्रेनिंग ली। यही नहीं उन्होंने अपने शूटिंग पल हमसे साझा करते हुए कहा कि जब हम सब नेपाल में शूट कर रहे थे और एक शॉट के दौरान बीस फिट ऊंचे पत्थर से आठ किलो की तलवार लेकर जंप करना था, मुझे घुटने में चोट आई थी। रजनीश ने बताया कि भगवान ने मानो शॉट को ओके कर दिया। इसके आलावा गर्मी के दिन में जब शूट चल रहा था और मुझे हॉर्स राइडिंग का सीन देना था, मुझे बार-बार गिरकर फिर उछलकर बैठने का सीन देना था तभी गर्मी के कारण हमारा घोड़ा बिदक गया और मुझे घुटनों में चोट लग गई जो अभी तक दर्द करती है।
'नहीं बनी मेरी 1920 जैसी हॉरर मूवी'
रजनीश में OneIndia से बात करते हुए कहा कि मेरे लिए अब तक का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म मुझे विक्रम भट्ट ने दिया। मैं सिर्फ मॉडलिंग करता था और रेमंड का पोस्टर ब्वॉय था। एक दिन मुझे उनके आदमी ने आकर कहा कि विक्रम भट्ट मुझसे मिलना चाहते हैं, जब मैं उनसे मिलने गया तो उन्होंने मुझे अपनी आने वाली फिल्म 1920 के बारे में बताया। उन दिनों उनकी लगातार 13 फिल्में फ्लॉप हो गई थी। मैंने विक्रम जी से कहा कि मेरा इंटरव्यू ले लीजिए तो उन्होंने कहा मैंने तुम्हारा परफॉर्मेंस देख लिया। सिर्फ ये बताओ कि क्या तुम्हें हनुमान चालीसा आती है। मैंने कहा हां आती है तो कहा हो गया इंटरव्यू और तुम सलेक्ट हो गए। और मैंने ये बताना चाहूंगा की आज तक 1920 जैसी हॉरर मूवी नहीं बनी है। जिसकी जान है उस फिल्म में शुरू और अंत में हनुमान चालीसा, जिसे मैं आज भी देखता हूं तो सिहर जाता हूं।