यूपी: भंडारा कराने को लेकर अड़े राजा भैया के पिता को प्रशासन ने किया नजरबंद, घर बना छावनी
प्रतापगढ़। पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता उदय प्रताप को जिला प्रशासन ने नजर बंद कर दिया है। प्रशासन ने महल के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात किया। भण्डारे को लेकर अड़े उदय प्रताप पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की शुरूआत कर दी है। पुलिस बल ने पूरे इलाके को एक छावनी के रूप में तब्दील कर दिया है। प्रतापगढ़ के कुंडा में पिछले दो सालों से हो रहे हनुमान मंदिर के भंडारे पर सरकार ने रोक लगा रखी है। शुक्रवार को मुहर्रम का त्योहार है जो कि मन्दिर के बगल से होकर निकलेगा। मोहर्रम के दिन राजा भैया के पिता मन्दिर पर भण्डारे का आयोजन करते हैं। इस बात को लेकर इस बार प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया है साथ ही इलाके में धारा 144 लागू कर दिया गया है।
आपको बता दें कि बाहुबली राजा भैया के पिता की वर्षों पुरानी भंडारे की परंपरा योगी सरकार में इस बार भी टूट जाएगी। एससी/एसटी एक्ट के विरोध में खुलकर आने वाले राजा भइया के पिता को मुहर्रम के दिन उनकी ओर से कराए जाने वाले भंडारे की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी है। इसको लेकर इलाके में नाराजगी बताई जा रही है। इसी वजह से कुंडा के बाजार भी बंद हैं। पुलिस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि इस बार भी भंडारे की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि इस बाबत राज परिवार की ओर से कोई बयान नहीं आया है। राजा भैया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह की ओर से कराए जाने वाले भंडारे की पर अदालती आदेश के बाद सबसे पहले अखिलेश यादव राज में रोक लगी थी। जब खुद बेटे रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया सरकार में मंत्री भी थे।
उस समय कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने भंडारे की अनुमति नहीं दी तो उदय प्रताप सिंह हर हाल में इस कराने पर अड़ गए। जिलाधिकारी शम्भू कुमार ने बताया कि यह विवाद पिछले पांच वर्षों से चला आ रहा है। पक्षकार हाईकोर्ट भी गए थे और वहां से भी कोर्ट ने प्रशासन को ही निर्णय लेने का आदेश दिया था।
साथ ही भंडारे के आयोजन के लिए जिला प्रशासन को कोई पत्र भी नहीं दिया गया है ना ही आयोजक के बारे में कोई आधिकारिक सूचना दी गई है। हालांकि इस संबंध में पीस कमेटी ने बैठक भी की है और लोगों को समझाया गया है कि शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया जाए। परंपरागत आयोजनों को ही अनुमति दी जाती है।
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