राहुल गांधी ने लोकसभा के ऐन पहले अपने संसदीय क्षेत्र में छोड़ा चुनावी तीर, मच गया बीजेपी में हड़कंप
अमेठी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के युवाओं को रोज़गार से जोड़ने के लिए क़दम उठाया है। राहुल ने फौज में दिलचस्पी रखने वाले युवाओं को दिल्ली की एक प्राइवेट फर्म के जरिए निःशुल्क कैम्प लगवाकर प्रशिक्षण दिलाने की पहल की है। इलेक्शन से पहले उनके इस कदम से सियासी पारा गर्म हो गया है। कांग्रेस जहां अपने नेता के क़दम का स्वागत करती नजर आ रही है वहीं बीजेपी ने राहुल के क़दम को चुनावी हथकंडा बताया है।
कांग्रेस नेता एमएलसी दीपक सिंह ने बताया कि अमेठी में राहुल गांधी की टीम ने ये योजना तैयार की है। अब लगभग पांच सालों में अमेठी के युवाओं को आर्म्ड फोर्स की नौकरी के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी प्रशिक्षण देने का काम करेगी। कम्पनी में बाहरी ट्रेनर युवाओं को ट्रेनिग देंगे। ट्रेनिंग कैम्प में चयन प्रक्रिया पहले आओ पहले पाओ के आधार पर की जाएगी। कैम्प में युवाओं की शारीरिक और लिखित परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। दीपक सिंह ने बताया कि ट्रेनिंग कैम्प में एक बैच तीन महीनों का होगा जो पांच सालों तक चलेगा।
अमेठी में राहुल गांधी की इस पहल पर युवाओं में जहां काफी उत्साह है, वहीं बीजेपी में हलचल मच गई है। बीजेपी जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाण्डेय का कहना है कि राहुल गांधी का ये क़दम महज चुनावी तीर है। केंन्द्र में यूपीए की 10 सालों तक हुकूमत रही और वो इन 10 सालों में अमेठी के सांसद भी रहे आखिर उस समय उनको युवाओं की याद क्यों नही आई? जिलाध्यक्ष ने कहा कि पिछले 60 सालों में अमेठी का प्रतिनिधत्व ज्यादातर राहुल गांधी और उनके परिवार के पास रहा लेकिन जो प्रोजेक्ट युवाओं के लिए लाया गया या तो वो फ्लाप रहा या बंद हुआ। उसी तरह ये भी ज्यादा दिन चलने वाला नहीं।
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