एंबुलेंस नहीं मिली तो मां ने अस्पताल से 100 मीटर दूर सड़क पर दिया बच्चे को जन्म, मौत!
रायबरेली। रायबरेली में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही उजागर हुई है। यहां के खीरो थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों और नर्सों की लापरवाही से एक महिला ने सीएचसी खीरों से 100 मीटर दूर सड़क के किनारे एक शिशु को जन्म दिया। महिला को सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया था जहां एंबुलेंस न मिलने के कारण आशा बहू को अस्पताल में ही छोड़कर उसका पति गर्भवती पत्नी को अपनी बाइक में बैठाकर चला आया। लेकिन दर्द से कराह रही महिला ने अस्पताल तिराहे के पास ही एक शिशु को जन्म दे दिया। अनियमित तरीके से हुए इस डिलीवरी के बाद बच्चे ने पैदा होने के कुछ देर बाद दम तोड़ दिया।
सीएचसी खीरों से 100 मीटर दूर का मामला
सोमवार को दोपहर बाद लगभग 3 बजे भूपखेडा मजरे धुराई निवासिनी सोमवती 25 वर्ष को उसका पति प्रेम शंकर अपनी बाइक से सीएचसी खीरों प्रसव के लिए लाया था। जहाँ उनके साथ दुलारेपुर की आशा बहू राजरानी आई थी। अस्पताल में एक घण्टे इलाज करने के बाद डॉ मनोज कुमार ने ब्रीफ प्रजेंटेशन बताकर महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
एंबुलेंस ना मिलने पर बाइक से जिला अस्पताल ले जा रहा था पति
जिला अस्पताल ले जाने के लिए पहले आशा बहू ने एम्बुलेंस को फोन किया। लेकिन काफी देर तक एम्बुलेंस नही आने पर सोमवती को उसका पति प्रेम शंकर प्राइवेट वाहन से ले जाने की बात कहकर जबरन अपनी बाइक पर बैठाकर चल दिया। जैसे ही वह अस्पताल से 100 मीटर दूर अस्पताल तिराहे पर पहुंचा। सोमवती की प्रसव पीड़ा बढ़ गई जिसके बाद वह बाइक से उतरकर सड़क पर लेट गई। रोड किनारे तड़पती हुई सोमवती को देखकर राहगीर महिलाओं का दिल पसीज गया और उन्होंने चद्दर की करके प्रसव कराने में प्रसूता की मदद की।
चद्दर से ढककर करवाया प्रसव
इस दौरान कुछ तमाशबीन बने रहे तो रास्ते से गुजर रही कुछ महिलाओं ने मानवता का परिचय देते हुए उसे चद्दर से ढककर प्रसव में मदद की। प्रसव होने के बाद सीएचसी खीरों से पहुँची डाक्टरों की महिला टीम ने अस्पताल पहुँचाया। अस्पताल पहुंचते ही बच्चे ने दम तोड़ दिया। सूचना पर थानाध्यक्ष खीरों शैलेन्द्र प्रताप मौके पर पहुँचे। उन्होंने महिला का बेहतर इलाज करने की बात कही जिसके बाद महिला को उसके परिजन अस्पताल से उसके मृत नवजात को लेकर घर चले गए।