लोकसभा चुनाव के ठीक पहले रायबरेली में शुरू हुआ एम्स, सोनिया गांधी को नहीं दिया गया निमंत्रण
रायबरेली। रायबरेली लंबे इंतजार के बाद रायबरेली एम्स में आज सोमवार को सुबह 8:00 बजे से ओपीडी की शुरूआत कर दी गई है। ओपीडी की शुरुआत होते ही सुबह से ही आसपास के जिलों के लोग अपने इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मरीजों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं। एम्स की ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों ने सांसद सोनिया गांधी समेत PM मोदी सीएम योगी के साथ-साथ जमीन उपलब्ध कराने वाले पूर्व CM अखिलेश यादव को भी बधाई दी।
यूपीए सरकार में 2011 में रायबरेली में एम्स की घोषणा के बाद जमीन तलाशने का काम शुरू हुआ था, जिसके बाद रायबरेली शहर से जुड़े हुए मुंशीगंज में शुगर मिल की जमीन को चुना गया। जमीन से संबंधित सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गई और 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले ही सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने 2013 में भूमि पूजन शुरू कर दिया था। जिसके बाद सबसे पहले ओपीडी का निर्माण किया गया और 2014 के अगस्त तक ओपीडी शुरू करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते इसकी शुरुआत नहीं हो पाई।
यूपीए सरकार जाने के बाद एम्स के निर्माण कार्य में धीमी गति आई और धीरे-धीरे रायबरेली एम्स राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया और अब एक बार फिर आने वाले 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले BJP सरकार ने रायबरेली के एम्स की ओपीडी को चालू करके चुनावी दांव खेल दिया है। इलाज कराने आए आसपास के जिलों के मरीज काफी खुश हैं उनका कहना है कि उन्हें अच्छे इलाज के लिए लखनऊ और दिल्ली जाना पड़ता था। ऐसे में अब रायबरेली में एम्स की ओपीडी शुरू हो जाने से उन लोगों को सुविधाएं अच्छी मिलेंगी।
क्या
कहना
है
अधीक्षक
एम्स
रायबरेली
का
वहीं
चंडीगढ़
PGI
से
रायबरेली
एम्स
में
अधीक्षक
के
पद
पर
आए
डॉक्टर
अशोक
कुमार
की
मानें
तो
अभी
एम्स
की
ओपीडी
को
चालू
किया
गया
है।
फिलहाल
अभी
7
डॉक्टरों
समेत
35
लोगों
का
स्टाफ
आ
चुका
है।
जरूरत
पड़ने
पर
स्टाफ
और
भी
बढ़ाया
जाएगा।
साथ
ही
यह
भी
कहा
है
कि
अभी
रायबरेली
एम्स
पूरी
तरीके
से
शुरू
होने
में
करीब
2
वर्ष
का
समय
लगेगा।