उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

यूपी: फिर बढ़ी मायावती की मुश्किलें, स्मारक घोटाले में सीबीआई जांच के लिए दाखिल हुई जनहित याचिका

Google Oneindia News

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की एक बार फिर मुश्किल बढ़ने वाली हैं। उनके कार्यकाल में बने स्मारकों में घोटाले का प्रकरण हाईकोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है और इस मामले का अब फिर से सुर्खियां बटोरना तय माना जा रहा है। इस बाबत इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्मारक निर्माण घोटाले में सीबीआई जांच को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है और गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि घोटाले का कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से स्मारक घोटाले केस की दर्ज FIR में अभी तक की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। सरकार की ओर से 1 सप्ताह में जवाब दाखिल करना है। जिसके बाद हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा।

यूपी: फिर बढ़ी मायावती की मुश्किलें, स्मारक घोटाले में सीबीआई जांच के लिए दाखिल हुई जनहित याचिका

क्या है मामला
बसपा प्रमुख मायावती 2007 से 2012 तक उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही थीं। इस दौरान उन्होंने नोएडा व लखनऊ में पार्क वाले स्मारकों का निर्माण कराया था। इन्हीं निर्माण कार्यों में भारी भरकम घोटाले का आरोप मायावती पर लगा था। जिसके बाद लोकायुक्त की जांच में 14 अरब 10 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। इसी मामले में लोकायुक्त ने पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की संस्तुति भी की थी। हालांकि सरकार की ओर से मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और किसी जांच एजेंसी को मामला नहीं सौंपा गया। अब इसी मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में इस पूरे प्रकरण की जांच कराने के लिए केस सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।

डबल बेंच में हुई सुनवाई
सीबीआई जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में मिर्जापुर के शशिकान्त उर्फ भावेश पांडेय ने याचिका दाखिल की है। जिस पर मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई की। याचिका में नोएडा अम्बेडकर पार्क, लखनऊ परिवर्तन स्थल, स्मारक स्थल, गौतमबुद्ध उपवन, ईको पार्क, रामबाई अम्बेडकर मैदान में घोटाले का जिक्र है। याचिका में हाईकोर्ट को अब तक हुए खुलासे की भी रिपोर्ट फाइल की गई है। जिसमें बताया गया है कि स्मारक के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले गुलाबी पत्थरों की सप्लाई मिर्जापुर के बजाय राजस्थान से दिखाकर ढुलाई के नाम पर पैसों का घोटाला हुआ है। जबकि इन्हें तराशने में भी बड़े पैमाने पर घपला हुआ है। याचिका में लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट का जिक्र करते हुए यह भी बताया गया कि मायावती सरकार द्वारा जो भुगतान किया गया वह रकम से 10 गुने दाम पर किया गया है।

कौन-कौन है आरोपी
पार्क और स्मारक निर्माण घोटाले में लोकायुक्त की जांच रिपोर्ट जब आई तो घोटाले में बसपा सरकार के तत्कालीन कैबिनेट को हिलाकर रख दिया था। इसमें सीधा-सीधा आरोप बसपा सुप्रीमो मायावती पर तो था ही। कैबिनेट मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा व 12 तत्कालीन विधायक भी इसमे आरोपी बनाए गए। जबकि इसी मामले में निर्माण निगम, पीडब्ल्यूडी, नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी के 100 से ज्यादा इंजीनियर और अन्य अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं। जिनके विरुद्ध 2014 में सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। जबकि 2017 में भी एक एफआईआर गोमती नगर थाने में दर्ज की गई है।

Comments
English summary
problem creates for mayawati in scam of development of parks in allahabad
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X