पुलिस कस्टडी में हुई सफाई कर्मी अरुण की मौत, प्रियंका और अखिलेश ने योगी सरकार से पूछा यह सवाल
पुलिस कस्टडी में हुई सफाई कर्मी अरुण की मौत, प्रियंका और अखिलेश ने योगी सरकार से पूछा यह सवाल
लखनऊ, 20 अक्टूबर: 25 लाख की चोरी के मामले में जगदीशपुर पुलिस ने सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि को हिरासत में लिया था। जिसकी मंगलवार रात को पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। अरुण वाल्मीकि की मौत के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा गया तो वहीं, वाल्मीकि समाज में रोष देखने को मिल रहा है। बवाल की आशंका के मद्देनजर जगदीशपुर थाने पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है। तो वहीं, अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है।
कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी और सपा अध्यक्ष व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश की योगी सरकार के साथ पुलिस विभाग पर भी हमला बोला है। तो वहीं, दूसरी और वाल्मीकि समाज के नेताओं और मृतक अरुण वाल्मीकि के परिजनों ने दो करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है। बता दें, बुधवार 20 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना के बाद ट्वीट कर पूछा कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है?
प्रियंका गांधी ने लिखा, 'आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले। तो वहीं, इस घटना पर यूपी के पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार और पुलिस पर हमला बोला है।
अखिलेश यादव ने पूछा कि भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा? आगरा में पहले सांठगांठ कर थाने के मालखाने से 25 लाख की चोरी कराई गई। फिर सच छिपाने के लिए गिरफ्तार किए गए सफाईकर्मी की कस्टडी में हत्या स्तब्ध करती है! हत्यारे पुलिस कर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई। बता दें कि जगदीशपुर थाने के मालखाने में चोरी के मामले में अरुण को पुलिस ने कस्टडी में लिया था, जिसकी मौत हो गई। अरुण की मौत के बाद परिजन सामने आए हैं।
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परिजनों का कहना है कि अरुण को पूछताछ के लिए पुलिस रात को 3:30 बजे घर से लेकर आई थी। इस दौरान ही उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। भाई सोनू ने पुलिस प्रशासन से दो करोड़ रुपए और मृतक आश्रित को नौकरी देने की मांग की है। हालांकि पुलिस पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया है। घटना के बाद से आगरा के साथ ही अन्य जिले के अधिकारी भी वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों और अन्य लोगों से बातचीत में जुटे हैं।