नोटबंदी: फ्री में बांटा जा रहा आलू, टमाटर का दाम हुआ आधा
नोटबंदी का असर किसानों पर साफ दिख रहा है। सब्जियां औने-पौने दामों पर बेची जा रही हैं।
कानपुर। उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर में नोटबंदी के बाद से खरीद कम होने से सब्जी की कीमतों में भारी गिरावट आई है, इससे खरीददार तो खुश है लेकिन सब्जियां उगाने वाले किसान और व्यापारी परेशान हैं।
नोटबंदी के पहले तक 24 रूपये प्रति किलो बिकने वाला आलू वर्तमान में पांच रूपये किलो तक बिक रहा है और कुछ इलाकों में किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में रखा पुराना आलू निकालकर जरूरतमंदां को मुफ्त में बांटना शुरू कर दिया है।
आलू की अधिकता का आलम यह है कि किसानों के एक समूह ने जिला जेल में करीब 400 बोरे आलू नि:शुल्क कैदियों के लिये दिया है जिसकी पुष्टि जेल प्रशासन ने भी की है।
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टमाटर की ये हो गई हालत
कल्याणपुर सब्जी मंडी में सब्जी की दुकान लगाने वाले घाटमपुर के किसान कमलेश कुमार ने बताया कि केवल आलू ही नहीं, बल्कि 20 रूपये में बिकने वाला प्याज अब 10 रूपये, 20 रूपये किलो बिकने वाला टमाटर 10 रूपये, 28 रूपये में बिकने वाली गाजर 15 रूपये प्रति किलो, 20 रूपये में बिकने वाला पालक अब पांच रूपये किलो, 10 रूपये प्रति बिकने वाली फूलगोभी अब पांच रूपये किलो में बिक रही है।
इसी तरह अन्य सब्जियों के दामों में 50 से 60 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
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उन्होंने कहा कि लोगों के पास नकदी कम होने से मांग घट गयी है, सस्ती होने के बावजूद लोग उतनी ही सब्जी खरीद रहे हैं जितनी जरूरत है।
खराब होने और मंडी से वापस ले जाने के डर से हम लोग औने-पौने दामों में सब्जी बेचकर चले जाते हैं।
मुफ्त बांट रहे आलू
सबसे खराब हालत आलू की है। मार्केट में नया आलू आ गया है। किसानों के पास पुराना आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा था जिसे वे वहां से निकाल कर शादी ब्याह के लिये जरूरतमंदों को मुफ्त में बांट रहे हैं।
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इसके अलावा अन्य जरूरतमंदों को भी मुफ्त में आलू दिया जा रहा है।
बिठूर के एक अन्य सब्जी विक्रेता महेश शर्मा ने बताया कि अच्छी बिक्री होने से किसानों की भरपाई हो जाती थी लेकिन सब्जी के दाम गिरने से किसानों को फसल की लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।