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आखिर अयोध्या क्यों गए सीएम योगी, क्या हैं सियासी समीकरण?

योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के क्या हैं राजनीतिक मायने, राम मंदिर के मुद्दे को 2019 तक धार देने की तैयारी में भाजपा

By Ankur
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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए अयोध्या पहुंचने वाले प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री हैं, इससे पहले 2002 में राजनाथ सिंह हीं यहां पहुंचे थे, लेकिन उसके बाद 15 साल तक किसी भी मुख्यमंत्री ने रामलला के दर्शन नहीं किए। ऐसे में योगी आदित्यनाथ के अयोध्या जाकर रामलला की पूजा करने के पीछे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि योगी आदित्याथ श्री राम जन्मभूमि के न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाएंगे।

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बढ़ गई है राजनीतिक हलचल

बढ़ गई है राजनीतिक हलचल

योगी आदित्यनाथ के अयोध्या पहुंचने के साथ ही तमाम हिंदुत्ववादी नेता यहां पहुंचने लगे हैं। आपको बता दें कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर हाल ही में यहां कारसेवकों की भाजपा नेताओं के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक के आखिरी दिन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या भी शिरकत करने पहुंचे थे, उस वक्त मौर्या भी रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे थे। ऐसे में अब योगी आदित्यनाथ जिस तरह से रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे हैं, उसने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।

अलग हैं राजनीतिक मायने

अलग हैं राजनीतिक मायने

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो योगी आदित्यनाथ अयोध्या में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए गए हैं, लेकिन यह महज एक बहाना है। मुख्मयंत्री के अयोध्या दौरे के असल मायने अलग हैं। भाजपा के लिए राम मंदिर का मुद्दा काफी अहम है और वह इस मुद्दे को किसी भी तरह से पीछे नहीं करना चाहती है। राम मंदिर के नाम पर पार्टी आगामी 2019 के चुनाव में बड़ा राजनीतिक लाभ लेने की तैयारी कर रही है।

2019 तक राम मंदिर बना रहेगा मुद्दा

2019 तक राम मंदिर बना रहेगा मुद्दा

एक तरफ राम मंदिर का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में हैं दूसरी तरफ विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदू संगठन राम मंदिर के निर्माण की बात कर रहे हैं, कई संगठन तो यहां तक कह चुके हैं कि मंदिर का निर्माण इस वर्ष शुरु हो जाएगा, इसमें भाजपा के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी का भी नाम है। लिहाजा पार्टी 2019 तक राम मंदिर के मुद्दे को एक बार फिर से गर्म रखना चाहती है ताकि उसे इसका पूरा राजनीतिक लाभ आगामी लोकसभा चुनाव में मिल सके।

अयोध्या से तेज होगी सियासी जंग

अयोध्या से तेज होगी सियासी जंग

अयोध्या के विकास के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार कई योजनाएं बना रही है। केंद्र सरकार ने अयोध्या के कायाकल्प के लिए कई योजना बना रही है, जिसमें से अहम है कि इसे देश के शीर्ष 10 शहरों में लाना। यहां पर्यटकों को लुभाने के लिए फाइव स्टार होटल के अलावा कई सुविधाओं को उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है। यही नहीं केंद्र सरकार ने हाल ही में यहां रामायण सर्किट और रामायण म्युजियम बनाने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव भी लड़ सकते हैं। योगी आदित्यनाथ इस समय ना तो विधानसभा ना ही विधान परिषद के सदस्य हैं, लिहाजा छह महीने के भीतर उन्हें एक सदन का सदस्य बनना होगा।

English summary
Political analysis Why Yogi Adityanath visited Ayodhya. Ram temple issue will prove to be a game changer for BJP in 2019.
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