बीजेपी नेता के 'रेपिस्ट' बेटे को रात में जेल से निकालकर पुलिस ले जाती है अय्यशी कराने!
शाहजहाँपुर। यूपी के शाहजहांपुर में पेशी के बाद कैदी को मौज मस्ती करने का मामला सामने आया है। बीजेपी नेता के बेटे को पेशी के बाद मौज मस्ती कराई जा रही थी। मामले के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। खास बात यह है कि जेल प्रशासन के अधिकारी और पुलिस मामले को दबाने में जुटी हुई है।
नाबालिग से रेप का आरोपी है अभय दुबे
दरअसल बीजेपी नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव का बेटा अभय यादव नाबालिग से रेप के मामले में जेल में बंद है। आज सुबह उसे बरेली के कोर्ट में ले जाया गया । सूत्रों की माने तो पेशी से लौटने के बाद यहां उसे मौज मस्ती कराई गई और रात में 10:20 पर शराब के नशे में धुत होकर उसे जेल में वापिस दाखिल कराया गया । इतना ही नहीं पुलिस ड्यूटी में तैनात गोविंद यादव नाम का सिपाही भी शराब के नशे में धुत था। इस दौरान इस पूरे मामले की पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। लेकिन जेल और पुलिस प्रशासन मामले को दबाने में जुटा रहा क्योंकि मामला एक कद्दावर बीजेपी नेता के बेटे से जुड़ा था । सूत्रों की माने तो जेल से अक्सर बीजेपी नेता के बेटे अभय यादव को बाहर लाया जाता है और उसे मौज मस्ती कराई जाती है। इस मामले में जब जेल प्रशासन से बात की गई तो वह पूरे मामले में बगलें झांकने नजर आए और कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।
पत्रकारों से कहा- यहां नहीं घर आकर पूछिएगा सवाल
वीडियो मे आप सुन सकते है कि कैदी अभय यादव कहे रहा है कि ज्यादा सवाल घर आकर करिएगा। ये लाइन जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। आखिर कैदी ये क्यों कह रहा है कि ज्यादा सवाल घर आकर करिएगा। सूत्रों की मानें की तो कैदी अभय यादव को रोज पेशी के नाम पर जेल से बाहर निकाला जाता है कि और उसको घर तक भी ले जाया जाता है। जहां जमकर मौज मस्ती की जाती है। आपको बता दें कि कैदी अभय यादव का छोटा भाई अजय प्रताप सिंह यादव इस वक्त बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष है। जिसका इस वक्त बड़ा रसूख है। इस मामले में प्रशासन से लेकर जेल प्रशासन पर राजनीतिक दबाव साफ देखने को मिला। यही वजह है कि जिला प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी अधिकारी मीडिया के सवालों के जवाब नही दे पा रहा था।
पेशी पर ले जाने वाली बात झूठी?
पेशी पर ले जाने वाला सिपाही गोविंद यादव से बात की तो उसका कहना है कि वह बरेली पेशी पर लेकर गया था। सिपाही का कहना है कि वह बस से गया था। जब सिपाही से मीडिया ने टिकट दिखाने के लिए कहा तो उसके पास टिकट नहीं था। आपको बता से ओर कैदी दोनो ही शराब के नशे में टल्ली थे। जेलर जेपी दूबे ने बताया कि उन्हें नही पता कि अभय नाम का कैदी बरेली पेशी पर गया या नहीं यह तो अभिलेखों को देखने के बाद साफ हो पाएगा। खास बात ये है कि जेलर सहाब खुद कहे रहे हैं कि वह तो कैदी को गार्ड के हवाले कर देते है उसके बाद वह कैसे कैदी को ले जाते है उन्हें पता है। फिलहाल मीडिया के सवालो पर जेलर सहाब भी बगल झांकते नजर आए।
हाव-भाव से लग रहे थे नशे में
प्रशासन से लेकर जेल प्रशासन तक पर सवाल ये उठ रहा है कि सुबह का कैदी अगर बरेली पेशी पर गया है तो उसको आने मे कितनी देर लगती है। साथ ही बरेली किस सवारी से कैदी को ले जाया गया इसकी भी जानकारी प्रशासन को होनी चाहिए। आखिर कैदी अभय यादव और सिपाही गोविंद यादव का मेडिकल क्यों नही कराया गया। जबकि मामला सीडीओ से लेकर एडीएम और जेल अधीक्षक तक को मामले की जानकारी दे दी गई थी तो उसके बाद ही मेडिकल क्यों नहीं कराया गया। खास बात ये है कि कैदी को रात 10:20 मिनट पर जेल लाया गया था। लेकिन मीडिया द्वारा पहले ही एडीएम को सूचना दे दी गई थी कि एक कैदी है जिसको जेल के बाहर मौज मस्ती कराई जा रही है। ऐसे में एडीएम से लेकर सीडीओ ओर जेल अधीक्षक तक संदेह के घेरे मे आ गए है। अब देखना होगा इस मामले पर क्या कार्रवाई होती है या बीजेपी नेताओ के दबाव के चलते बीजेपी नेता के बेटे को ऐसे ही जेल के बाहर मौज मस्ती कराई जाती रहेगी।
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