मेरठ: 3 दिन पहले फौजी के ढाई वर्षीय बेटे का अपहरण, पुलिस के हाथ खाली
मेरठ। यूपी में मेरठ के सरधना थानाक्षेत्र के गांव खेड़ा से जम्मू में तैनात आर्मी फौजी के ढाई वर्षीय बेटे का अपहरण हो गया। पुलिस ने घर, जंगल और तालाब खंगाल डाले मगर बच्चे का कुछ पता नहीं चला। एसपी देहात ने गांव में डेरा डाल दिया है। खुद एसपी की निगरानी में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। खेड़ा निवासी शिवकुमार सोम के अनुसार, शुक्रवार शाम पांच बजे वह परिवार संग घर में पूजा कर रहा था। इसी दौरान उसका ढाई वर्षीय भतीजा आभास भी वहां मौजूद था। पूजा के बाद आभास नजर नहीं आया। उसकी घर व बाहर तलाश हुई, लेकिन पता नहीं चला। आभास की तलाश को गांव के मंदिर से एनाउंस कराया, पर कोई खबर नहीं मिली। शिवकुमार ने रात में ही पुलिस को सूचना दी।
पुलिस को नहीं मिली सफलता
शनिवार सुबह शिवकुमार व ग्रामीणों ने अपहरण की आशंका जताते हुए एसएसपी व अन्य अधिकारियों को सूचना दी। इससे हड़कंप मच गया। एसपी देहात राजेश कुमार, सीओ संतोष कुमार व एसओ धर्मेन्द्र सिंह राठौर गांव पहुंचे। पीड़ित परिवार से घटना की जानकारी ली। काफी माथापच्ची के बाद भी जब आभास के बारे में कोई सूचना नहीं मिली तो डॉग स्कवॉड बुलाया गया। डॉग स्कवॉड से भी कुछ सफलता नहीं मिली।
तालाब तक की कराई छानबीन
बाद में अधिकारियों ने गोताखोरों को बुलाकर गांव के तालाब की छानबीन करायी, लेकिन वहां भी बच्चे का कोई पता नहीं चला। गांव में विभिन्न चर्चा व संभावना को देखते हुए पुलिस ने बाद में गांव के घरों की तलाशी शुरू की। देर रात तक यह कार्रवाई जारी थी। पुलिस ने गांव के जंगलों में भी एक टीम से कांबिंग करायी। पुलिस पूरी मुस्तैदी से बच्चे की तलाश में जुटी है। गांव के सैंकड़ों ग्रामीण पुलिस संग जंगलों में कांबिंग करा रहे हैं। देर रात तक एसपी देहात व सीओ गांव में मौजूद हैं तथा बच्चे की तलाश जारी है। बच्चे के अपहरण से ठाकुर चौबीसी में आक्रोश है।
पूरे परिवार का बुरा हाल
आभास के पिता अंकित सोम राजपूताना 26 रायफल में तैनात है। फिलहाल अंकित की तैनाती जम्मू में है। आभास के अपहरण की सूचना पर अंकित शनिवार सुबह गांव पहुंच गए। पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। अंकित के भाई रामचंद्र सोम व ओमबीर सिंह भी सेना में तैनात हैं। अंकित के पिता सबाजीत की 15 साल पूर्व उनके घेर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। शिवकुमार सोम का कहना है कि आभास चंद मिनट के लिए ही उनकी आंखों के सामने से हटा। इसके बाद उसका पता नहीं चला। समझ नहीं आ रहा है कि चंद मिनट में वह कहां गायब हो गया? गांव में कुछ ही मिनटों में आभास को ले जाना संभव नहीं है। माना जा रहा है कि आभास गांव में ही है। पुलिस इसी बिन्दू पर काम कर उसे तलाश रही है।
नहीं आयी फिरौती की कोई सूचना
शनिवार को पुलिस ने अपहरण की लाइन पर गंभीरता से काम किया। शनिवार देर रात तक आभास के अपहरण के बाद परिजनों के पास कोई फोन व चिट्ठी नहीं आयी है। पुलिस का मानना है कि यदि आभास को किसी ने अपहरण किया है तो वह फिरौती के लिए पत्र जरूर भेजेगी। फिलहाल पुलिस अपहरण के अलावा तंत्र व अन्य कई बिन्दुओं पर भी काम कर रही है। दोपहर में बागपत के एक गांव में बच्चे के मंदिर से सकुशल बरामद होने की सूचना मिली। पुलिस टीम को तत्काल मौके पर भेजा गया। जानकारी में पता चला कि बरामद बच्चा कोई और है। ऐसे में पुलिस टीम को मायूस लौटना पड़ा।
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