यूपी: बीएचयू लाठीचार्ज मामला अभी थमा नहीं कि फिर होने लगा पथराव, पुलिस रोकथाम में रही नाकाम
वाराणसी। 23 सितंबर को बीएचयू में छात्राओं पर लाठीचार्ज की बरसी मना रही छात्राओं और कुछ छात्रों को दूसरे छात्र गुटों द्वारा मारे-पीटे जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि ताजा मामला बीएचयू अस्पताल से तब उठ गया। जब चंदौली निवासी एक महिला अपने परिजनों के साथ इलाज कराने पहुंची। इलाज में देरी की वजह से सर्जरी वार्ड में महिला मरीज के साथ आए परिजन और जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों में जमकर नोकझोक हुई। जिसके बाद आरोप के मुताबिक डॉक्टरों ने महिला मरीज के तिमारदारों की पिटाई कर दी। इस घटना के बाद फिर पूरे कैंपस में जैसे विवाद का सिलसिला शुरू हो गया।
लेकिन मामला यहीं शांत होने के बजाए और तब भड़क गया। जब बीएचयू के ही कुछ छात्र पीटे हुए तिमारदारों के साथ आकर जूनियर डॉक्टरों की धुनाई करने लगे। इस पूरे मामले की शिकायत लेकर लंका थाने डॉक्टर पहुंचे और साथ में दूसरा पक्ष भी पहुंचा। पुलिस स्टेशन में एक बार फिर दोनों पक्षों में मारपीट की नौबत आ गई और उपद्रवियों ने डॉक्टरों को कैंपस में दौड़ा-दौड़ाकर भी पीटा। इस दौरान घंटों बीएचयू अस्पताल का काम भी प्रभावित रहा।
वहीं घटना के बाद मौके की फिराक में बीएचयू कैंपस के कुछ उपद्रवियों ने न कैंपस में सड़कों पर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते कई थानों की फोर्स भी बीएचयू पहुंच गई। लेकिन उपद्रवियों ने एलडी गेस्ट हाउस चौराहे पर पिकेट में आग लगा दी और दो बाईक को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान बीड़ला छात्रावास से जमकर पत्थर भी चले तो वहीं कैंपस में एसबीआई बैंक के एटीएम को भी उपद्रवी छात्रों ने तोड़ दिया। देर रात तक चले बवाल में कई जगहों पर कैंपस में पुलिस भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी। जहां कहीं बीएचयू प्राक्टोरियल वाले भी मौजूद थें तो वे मूक दर्शक ही बने खड़े रहें। इस पूरी घटना के बारे में आलाधिकारियों की माने तो अभी पूरे मामले की जांच के बाद ही उचित कार्रवाई होगी।
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