पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को कैलास से दिखाएंगे वरुणा से लेकर अस्सी
वाराणसी। काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी 12 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र आ रहे हैं। पीएम का यह दौरा इस बार देश के नए ऊंचाइयों को नया आयाम देने की कोशिश है। प्रधानमंत्री मोदी अपने इस दौरे में अकेले नहीं बल्कि अपने दोस्त और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को साथ लेकर आ रहे हैं। वैसे तो भारत और फ्रांस के रिश्ते काफी पुराने हैं लेकिन धर्म और संस्कृति की राजधानी बनारस में यह दौरा दोनो देशों के रिश्तों को और मजबूती देने वाला होगा। शायद यही वजह है कि इस दौरे को लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो चुकी हैं और दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कई अधिकारियों ने डेरा डाल दिया है।
इमैनुएल ऐसे दूसरे राष्ट्राध्यक्ष हैं जो मोदी के संसदीय क्षेत्र आ रहे हैं और काशी की संस्कृति और सभ्यता से लेकर यहां के धर्म-कर्म और गंगा आरती देखेंगे। अलग-अलग घाटों के इतिहास के बारे में जानकारी लेंगे। ऐसे में दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष जिस बोट पर सवार होंगे उसका नाम कैलास है जो पूरी तरह से हाईटेक और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है।
कई
मायनों
में
खास
कैलास
इस
वीवीआईपी
दौरे
के
प्रोटोकॉल
आने
के
बाद
सुरक्षा
की
पुख्ता
व्यवस्था
की
गई
है।
जितनी
देर
तक
दोनों
नेता
गंगा
की
लहरों
में
होंगे
आकाश
से
लेकर
जल
के
अंदर
तक
विशेष
कमांडो
सुरक्षा
व्यवस्था
संभालेंगे।
जहां
तक
इस
बोट
की
बात
है
को
कई
मायनों
में
बेहद
खास
है।
इस
बोट
का
निर्माण
अक्टूबर
2017
में
संत
मोरारी
बापू
के
लिए
उस
वक्त
यजमान
ने
कराया
था।
गंगा
के
उस
पर
रेत
पर
'मानस
मसान'
कथा
के
लिए
बनारस
आये
मोरारी
बापू
इसी
बोट
में
रहा
करते
हैं।
उसके
बाद
इस
बोट
को
बनारस
ऐसे
ही
वीवीआई
मेहमानों
के
लिए
रखा
गया
है।
'कैलास'
बोट
डुप्लेकर
है
जिसमें
कुल
तीन
कमरे
बनाये
गए
है
जिसमें
एक
बेडरूम,एक
पूजा
घर
और
डायनिंग
रूम
शामिल
है।
साथ
ही
साथ
ही
हाईटेक
लॉबी
के
अलावा
सुबह
और
शाम
को
गंगा
दर्शन
और
बैठने
की
व्यवस्था
है।
यही
नहीं
तीन
एयर
कंडीशनर
के
साथ
ही
किचन
और
बाथरूम
भी
इसमें
मौजूद
है।
इसे
बनाने
में
करीब
छह
माह
का
वक्त
लगा
था
और
इस
पर
करीब
डेढ़
करोड़
रुपये
के
राशि
खर्च
हुई
थी।
कैलास
से
देखेंगे
वरुणा
से
लेकर
अस्सी
वरुणा
से
लेकर
अस्सी,
जिसके
नाम
पर
इस
शहर
का
नाम
वाराणसी
पड़ा,
उसे
भारत
आने
वाले
खास
मेहमान
को
पीएम
मोदी
कैलास
से
दिखाएंगे।
आधिकारिक
सूत्रों
की
माने
तो
दोनों
वीवीआईपी
इस
बोट
पर
सवार
होकर
गंगा
में
भ्रमण
करेंगे।
यही
नहीं
इस
स्पेशल
बोट
पर
दोनों
देशों
के
राष्ट्राध्यक्ष
चाय
पर
चर्चा
कर
सकते
हैं।