पेशाब से बनाई बिजली, मेरठ के छात्र ने ईजाद किया तरीका
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में इंटरपास एक छात्र रौदास ने मोदी के मन की बात को दिल में उतारा और पेशाब से बिजली बनाने का फार्मूला तैयार कर दिया है। रौदास का प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन में अपनी भागीदारी के साथ देश को प्रदूषणमुक्त और कम लागत की बिजली से रोशन करेगा।
फ्री में बिजली हो रही है तैयार
छोटे-छोटे प्लास्टिक के ग्लास और उससे निकलने वाले तारों के जंजाल की यह तस्वीर किसी लेबोरेटरी की याद दिलाती है। लेकिन ये कोई हाईप्रोफाइल लैब नहीं, बल्कि मेरठ के रौदास का शहर से दूर बना आशियाना है। रौदास ने इसी आशियाने में ऐसा उजाला किया कि देश को फोकट में रोशन करने का फार्मूला ईजाद कर डाला।
पेशाब से बनेगी बिजली
जिला विज्ञान क्लब से जुड़े रौदास ने 12वीं पास करने के बाद कुछ नया करने का मन बनाया और पेशाब से बिजली बना डाली। रौदास ने प्रयोग के तौर पर प्लास्टिक के 8 ग्लासों में पेशाब को इकठ्ठा किया और तांबा और जिंक की प्लेट्स से एक सर्किट बना दी। इस सर्किट को जब मीटर से नापा गया तो 5 बोल्ट का करंट तैरता मिला। फिर क्या था मोबाइल चार्ज होने लगे और बल्ब भी रोशन हो गए।
PM Modi की मन की बात से ली प्रेरणा
अपने शहर में अक्सर सार्वजनिक शौचालयों का बुरा हाल देखकर रौदास कुछ नया करने की सोचता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात ने थोड़ी से प्रेरणा दी तो उसका हौसला आसमान छूने लगा। रौदास का मानना है कि कम से कम सार्वजनिक शौचालयों में बिजली की जरूरतें इस छोटे से और कम लागत वाले प्रोजेक्ट से पूरी की जा सकती है। इससे प्रदूषण का खतरा भी नहीं और देश को गंदा करने वाली पेशाब का देशहित में इस्तेमाल हो सकेगा। जिला विज्ञान क्लब के कॉर्डिनेटर वैज्ञानिक दीपक शर्मा बताते है कि रौदास का प्रोजेक्ट देश मे बिजली की जरूरतों को लेकर एक मील का पत्थर साबित होगा।
क्या कहते है वैज्ञानिक
वैज्ञानिक दीपक शर्मा की मानें तो रौदास का सोचने समझने का लैबिल बहुत शानदार है। रौदास ने स्वच्छ भारत मिशन की तरफ एक बहतर कदम उठाया है। शौचालयों में रात के समय सरकारी बिजली की आवश्यकता अब नहीं होगी। लोगों के पेशाब से शौचालयों में बिजली पैदा होगी और रात को उसी से रोशनी भी होगी।