दशहरा पर नहीं बल्कि करवा चौथ के दिन जलता है लंकाधिपति रावण
सुल्तानपुर/हरदोई। विजयादशमी के बाद से ही त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। दीवाली, छठ, भाई-दूज जैसे कई त्योहार, दशहरा के बाद पड़ते हैं। देश में ऐसी कई जगह है जहां रावण को विजयादशमी पर नहीं बल्कि हफ्तों बाद जलाया जाता है। यूपी के शाहजहांपुर में दशहरे के लगभग 20 दिन बाद रावण का दहन किया जाता है। वहीं प्रदेश के हरदोई से सटे एक कस्बे में करवा चौथ के दिन रावण का दहन किया जाता है।
यूपी के हरदोई जिले से सटे एक कस्बा पाली में रहने वाले लोगों का मानना है कि जब रावण दहन की बारी आती थी तो प्रकृतिक आपदा के द्वारा कहीं बिजली गिर जाती थी तो कहीं घनघोर वर्षा होने लगती है जिसके कारण रावण को एक-दो हफ्ते तक जलाया नहीं जाता। यहां के लोगों ने रावण दहन करवा चौथ वाले दिन करना प्रारंभ कर दिया। जिस दिन सुहागने अपने पतियों के लिए लंबी उम्र की कामना करती हैं।
वहीं सुल्तानपुर में ग्रामीण क्षेत्र में 15 से अधिक रावण का दहन विजयादशमी के दिन होता है। मगर विकवाजिदपुर गांव में रावण का दहन दशहरे के लगभग 20 दिन बाद किया जाता है। इसके लिए बकायदा रामलीला का मंचन होता है। जिसमें गांव के सभी लोग एकजुट होते हैं। लोगों के मुताबिक ये रीति रिवाज 93 साल से चली आ रही है।
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