उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

पंखुड़ी पाठक प्रोफाइल: सपा से अलग हुई वह धाकड़ प्रवक्ता जिसे भाजपा के कद्दावर मंत्री तक करते हैं फॉलो

Google Oneindia News

लखनऊ। सपा ने अपनी नई मीडिया पैनलिस्ट की सूची जारी कर दी है जिसमें पंखुड़ी पाठक का नाम नहीं था। जिसके फौरन बाद ही निवर्तमान पैनलिस्ट पंखुड़ी पाठक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सपा पर अपने समाजवादी सिद्धांतों को छोड़ देने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब वहां रहने से दम घुटता है। पंखुड़ी को सपा की विचारधारा रास नहीं आ रही थी, इसलिए उन्होंने पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया है और फिलहाल किसी पार्टी से ना जुड़कर उच्च शिक्षा जारी रखने की बात कही है।

 क्यों छोड़ी पार्टी

क्यों छोड़ी पार्टी

पंखुड़ी पाठक नोएडा की रहने वाली हैं। सपा में बतौर प्रवक्ता वे राजनीति में एक जाना माना नाम हैं। पंखुड़ी आज से 8 साल पहले 2010 में जुड़ी थीं। उन्होंने सोमवार को ट्वीट करके कहा, '8 साल पहले वे सपा की विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित होकर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी। लेकिन, आज न वह विचारधारा दिखती है और न ही वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चलती है, उसमें दम घुटता है। उन्होंने ये भी कहा था कि पार्टी सपा का शीर्ष नेतृत्व निष्क्रिय है और धर्म जाति व लिंग के आदार पर अभद्र टिप्पणी होने के बावजूद शांत रहता है। खैर ये तो रहा कारण जिसकी वजह से पंखुड़ी से सपा को अलविदा कह दिया लेकिन यहां हम आपको बताएंगे पंखुड़ी पाठक के बारे में वो सारी बातें जो शायद आपको नहीं पता होंगी-

दिल्ली से सटे नोएडा की रहने वाली हैं पंखुड़ी पाठक

दिल्ली से सटे नोएडा की रहने वाली हैं पंखुड़ी पाठक

पंखुड़ी टीम अखिलेश में शामिल थीं और सपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं। पंखुड़ी अक्सर न्यूज चैनलों पर होने वाली डिबेट में सपा की ओर से शामिल होती थीं और पूरे जोश से पार्टी का पक्ष रखती थीं। बता दें कि छात्र जीवन से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली पंखुड़ी पाठक का कोई राजनैतिक बैकग्राउंड नहीं है, इसके बावजूद आज वह राष्ट्रीय राजनीति में सपा का बेहद चर्चित चेहरा रही हैं।

1992 में दिल्ली में हुआ था जन्म

1992 में दिल्ली में हुआ था जन्म

पंखुड़ी पाठक का जन्म 1992 में दिल्ली में हुआ था। उनके पिता का नाम जे.सी. पाठक और माता का नाम आरती पाठक डॉक्टर हैं। उनका एक छोटा भाई भी है जिसका नाम चिराग पाठक है। पंखुड़ी दिल्ली यूनिवर्सिटी के हंसराज कॉलेज से लॉ की स्टूडेंट रह चुकी हैं। छात्र राजनीति में वह साल 2010 चुनाव जीतकर वह जॉइंट सेक्रेटरी भी रही हैं।

2013 में बनीं लोहिया वाहिनी की राष्ट्रीय सचिव

2013 में बनीं लोहिया वाहिनी की राष्ट्रीय सचिव

पंखुड़ी छात्र राजनीति में समाजवादी पार्टी के छात्र संगठन (समाजवादी छात्र सभा) से जुड़ीं। दिल्ली के छात्रसंघ चुनाव में पंखुड़ी ने सपा को मजबूत करने का काम किया। साल 2013 में उन्हें लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया। वह अखिलेश यादव और डिंपल यादव से काफी प्रभावित रही थीं, उन्होंने हमेशा से अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष से पहले अपनी बड़ा भाई समझा।

मोदी सरकार के मंत्री भी करते हैं ट्विटर पर फॉलो

मोदी सरकार के मंत्री भी करते हैं ट्विटर पर फॉलो

पंखुड़ी वह शख्शियत हैं जिसे मोदी सरकार के मंत्रियों से लेकर कई विपक्षी दलों (बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी) के सांसद और विधायक ट्विटर पर फॉलो करते हैं। साल 2017 में पंखुड़ी पाठक को सोशल मीडिया पर एक शख्स ने रेप करने की धमकी दी थी। जिसका उन्होंने और पार्टी कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर विरोध किया और सोशल मीडिया की मदद से ही आरोपी को पकड़वाया। इसके बाद सं पंखुरी अचानक से लाइम लाइट में आ गई थीं।

 'सपा के वर्तमान माहौल में घुटता है दम'

'सपा के वर्तमान माहौल में घुटता है दम'

पंखुड़ी पाठक की काबिलियत को देखते हुए उन्हें ही शायद अखिलेश यादव ने उन्हें सपा का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया था, लेकिन पंखुड़ी का मानना है कि तब में और अब में सपा में काफी बदलाव आया है जिसकी वजह से वे आज पार्टी का साथ छोड़ रही हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि सपा के वर्तमान माहौल में अपने स्वाभिमान के समझौता करके पार्टी में बने रहना मुमकिन नहीं रह गया था। इसलिए वह पार्टी का साथ छोड़ रही हैं।

English summary
pankhuri pathak profile former national spokesperson of SP resign from party know all about her
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X