मां विंध्यवासिनी दरबार में बदली व्यवस्था, पान-गुटखा खाकर मंदिर नहीं आएंगे पंडा/ पुरोहित
नवरात्र मेला शुरू होने से पहले विंध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन में जिला प्रशासन और श्री विंध्य पंडा समाज की बैठक हुई। बैठक में सहमति के साथये निर्णय लिया गया।
मिर्जापुर। योगी सरकार में सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा व पान मसाला आदि के प्रतिबंध के बाद नवरात्र शुरू होने पर सिद्धपीठ मां विंध्यवासिनी धाम में भी व्यवस्थाएं बदलने लगी हैं। नई व्यवस्था के तहत मां विंध्यवासिनी परिसर को तंबाकू मुक्त रखा जा रहा है। वैसे तो मंदिर व धार्मिक स्थानों पर तंबाकू, पान मसाला आदि पर तो वैसे भी रोक रहनी चाहिए लेकिन विंध्याचल के पंडा इन नियमों को ताक पर रखकर मुंह में पान दबाकर दर्शन-पूजन कराने का काम करते थे। अब जब निजाम बदला है और योगी सरकार है तो इन नियमों के पालन करने का आदेश जारी हो गया है।
नवरात्र मेला शुरू होने से पहले विंध्याचल स्थित प्रशासनिक भवन में जिला प्रशासन और श्री विंध्य पंडा समाज की बैठक हुई। बैठक में सहमति के साथ ये निर्णय लिया गया। मुंह में पान दबाकर पुरोहित आ न तो मंदिर परिसर में प्रवेश पा सकेंगे और न ही श्रद्धालुओं को दर्शन करा पाएंगे। मंदिर के निकास द्वार से दर्शन कराने वाले पुरोहित पर भी नकेल कसी जाएगी।
पोशाक और परिचय पत्र के साथ नजर आएंगे पंडा
बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि पंडा और पुरोहित अपने निर्धारित पोशाक और परिचय पत्र के साथ मंदिर परिसर में मौजूद रहेंगे। जो पंडा इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उसे चिन्हित कर पंडा समाज और प्रशासन अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा।
काली खोह और अष्टभुजा मंदिर पर भी होगी यही व्यवस्था
ऐसे में जो भक्त मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने के बाद मां काली खोह और मां अष्टभुजा का भी दर्शन करने के लिए जाते है। इसीतरह जो व्यवस्थाएं मां विध्यवासिनी मंदिर परिसर में जारी की गई हैं वो व्यवस्थाएं मां काली खोह और मां अष्टभुजा के लिए भी लागू रहेंगी।
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