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कोर्ट के आदेश पर 6 महीने बाद कब्र खोदकर फिर निकाली गई लाश

सूत्रों की मानें तो महेश का शव दफनाते समय उसकी नाक और कान से ब्लड़ निकल रहा था, उसकी डेडबॉडी पानी में उतराती मिली थी।

By Gaurav Dwivedi
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रायबरेली। रायबरेली के शिवगढ़ में 6 महीने पहले दफनाए गए किशोर के शव को कोर्ट के आदेश पर शनिवार दुबारा निकाला गया। महराजगंज उपजिलाधिकारी राजेंद्र तिवारी ने अपनी उपस्थिति में कब्र खुदवाया, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मामला शिवगढ़ थाना क्षेत्र के गूढ़ा गांव का है, जहां रहने वाले दलित मोतीलाल के बेटे महेश कुमार का शव 6 महीने पहले संदिग्ध परिस्थितियों में गूढ़ा रजबहा में घुटनों भर पानी में उतराता हुआ पाया गया था।

वीडियों कैमरे की नजर में खुदवाई गई कब्र

वीडियों कैमरे की नजर में खुदवाई गई कब्र

सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया था, 15 साल के बेटे की मौत के सदमें से आहत परिजनों ने महेश की मौत को महज दुर्घटना समझकर 27 जून 2017 को उसे गांव के गहरवा तालाब के पास स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया था। सूत्रों की मानें तो महेश का शव दफनाते समय उसकी नाक और कान से ब्लड़ निकल रहा था, जिसको देखकर ग्रामीण आपस में तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे थे लेकिन मृतक के पिता की हालत ठीक ना होने के कारण परिजनों द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की गई थी।

शव को कब्र से बाहर निकाला

शव को कब्र से बाहर निकाला

बाद में लोगों द्वारा मिली जानकारी के आधार पर मृतक के पिता मोतीलाल ने बेटे की हत्या का आरोप लगाते हुए गांव के धनीराम पुत्र रामशंकर, अवधलाल पुत्र तेज प्रकाश के खिलाफ शिवगढ़ थाने में लिखित तहरीर दी थी। मृतक के पिता मोतीलाल का आरोप था कि उसके बेटे को गांव के धनीराम और अवधलाल 26 जून 2017 को उसके घर से अपने साथ बुलाकर ले गए थे और दोपहर बाद घुटनों-घुटनों पानी में उसके बेटे का शव उतराता पाया गया। मृतक के पिता ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और शव को खुदवाकर उसका पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। वहीं विडंबना रही की शिवगढ़ थाने में प्रार्थना पत्र देने के बाद पीड़ित पिता हफ्तों तक थाने की गणेश परिक्रमा करता, जब शिवगढ़ पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पीड़ित पिता ने डीएम का दरवाजा खटखटाया और मुख्यमंत्री से गुहार लगाई।

पुलिस बल की गई तैनात, गांव में हड़कंप

पुलिस बल की गई तैनात, गांव में हड़कंप

जब उसे वहां से भी निराशा हाथ लगी तो उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और धारा 156/3 के तहत मामला दर्ज कराया। इंसाफ के मंदिर कहे जाने वाले कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर शनिवार को दोपहर बाद महराजगंज उपजिलाधिकारी राजेंद्र तिवारी की मौजूदगी में 6 महीने बाद शव को खुदवाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, इस मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद थी। शव खुदवाए जाने की खबर से गांव में हड़कंप मच गया, कुछ ही पलों में सैकड़ों ग्रामीण घटना के पास पहुंच गए। मृतक के शव को देखने के लिए ग्रामीणों में कौतूहल मचा रहा था लेकिन भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद होने के कारण ग्रामीण दूर से ही सारा नजारा देखते रहे।

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English summary
On a courts order a dead body engraved after six months in Raebareli
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