यूपी: सीएमस के खिलाफ शिकायत करने डीएम के पास पहुंची नर्सें, कहा- सीएमस करता है हमारा शोषण
सुल्तानपुर। यूपी के सुल्तानपुर में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की नर्सों ने सीएमएस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए गम्भीर आरोप लगाए हैं। डीएम से मिलकर अपनी आप बीती सुनाते हुए नर्सों ने कहा है कि जबरदस्ती बाहर की दवा लिखवाने से लेकर सीएमएस नर्सों का शोषण कर रहे हैं, ये सीएमएस के लायक नहीं। डीएम ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। सरकारी दवाई में कमीशनखोरी इन सब मामलों की जांच उच्च स्तरीय कमेटी करेगी। डीएम ने 4 सदस्य टीम का गठन कर रिपोर्ट तलब की है।
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का मामला
यहां डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में प्राइवेट एजेंसी के जरिए नर्सिंग कार्य कर रही महिलाओं ने सीएमएस बीबी सिंह के विरोध में गुरुवार को डीएम विवेक कुमार से मुलाकात किया। नर्सों का आरोप था कि सीएमएस द्वारा जबरदस्ती दबाव बनाकर प्राइवेट दवाइयां लिखवाई जाती हैं, दबंगई के बल पर कर्मचारियो का शोषण करते हैं। नर्सें इस कद्र गुस्से में थी कि उन्होंने डीएम से ये तक कह डाला कि यह सीएमएस के लायक नही है, इन्होंने जिला चिकित्सालय को खोखला कर डाला है। हम नर्सो के साथ बद्त्तमीजी से बात करने के अलावा शोषण करते हैं। नर्सों ने मीडिया को बताया कि सीएमएस के इस रवैये की शिकायत पूर्व में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में किया था, जिसकी जानकारी होने पर उन्होंने हमारी एजेसी को एक पत्र भेजकर यह बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से चिट्ठी आई है। जिसमे यह आदेश है कि इन नर्सों को जिला चिकित्सालय से कार्य मुक्त कर दिया जाए। नर्सों का आरोप है कि सीएमएस द्वारा जो लेटर एजेंसी को भेजा गया है, उस लेटर में मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर को स्कैन कर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जारी किया गया है।
चल रही जांच- डीएम
उधर खुद पर लगे आरोपों पर सीएमएस बीबी सिंह का कहना है कि नर्सों द्वारा लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। कार्य न करने व प्राइवेट दवाइयां लिखने की शिकायत पर इन्हें निकाला जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि जो कार्य नहीं करना चाहते वह ऐसी शिकायते करते हैं। वहीं इस पूरे मामले पर डीएम विवेक कुमार से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री के समक्ष शिकायत की गई थी, जिसकी जांच के लिए टीम गठित कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी। महिला शोषण के बारे में डीएम ने कहा कि नर्सों ने उन्हें बताया है कि छेड़खानी नहीं बल्कि हाथ तक पकड़ कर उन्हें कुर्सी से जबरदस्ती सीएमएस द्वारा उठाया गया।