यूपी: बर्खास्त सिपाही बिजेंद्र सिंह पर लगी रासुका, विवेक तिवारी मर्डर केस में प्रशासन का किया था विरोध
वाराणसी। विवेक तिवारी मर्डर मामले के बाद से ही पुलिस विभाग में सिपाहियों का आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में जेल में बंद बर्खास्त सिपाही बिजेंद्र सिंह यादव को वाराणसी जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने एनएसए(राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) के लिए संस्तुती कर दी है। जिलाधिकारी ने लिखा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बिजेंद्र सिंह ने जेल से आने के बाद फिर से माहौल खराब किया है। ऐसे में अगर इस प्रकार के लोग अगर जेल में रहते हैं तो उसमें समाज का हित है व कानून व्यवस्था स्थापित रहेगी।
बिजेंद्र सिंह यादव ने पुलिस वेलफेयर 'रक्षक कल्याण ट्रस्ट' बनाकर खुद को उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अपने खुद के द्वारा बनाए गए न्यूज चैनल में उसने चार अक्टूबर एक इंटरव्यू दिया। जिसमें उसने कहा कि कर्माचारियों को हमने बोल दिया है कि पांच अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कराएं और 11 अक्टूबर को मेस में हड़ताल इसी में उसने आगे कहा कि बड़े पैमाने पर आंदोलन करें ताकि इतिहास इसका गवाह बन सके। सिपाही पर आरोप है कि उसने शासन के विरूद्ध जाकर व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया है।
बिजेंद्र सिंह यादव पर धारा 144 क उल्लंघन करने का आरोप है। वाराणसी ने जब धारा 144 लागू था तब पांच अक्टूबर को बिजेंद्र ने सिपाहियों को भड़काने का काम किया था। वहीं लखनऊ हत्याकांड मामले में शामिल आरोपी सिपाही प्रशांत के पक्ष में बयान भी दिया था। इसके बाद जब बिजेंद्र को पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करने से मना किया गया तब भी वो नारेबाजी करता रहा व प्रशासन के खिलाफ लोगों को एकजुट होने व आंदोलन करने की बात करता रहा।
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