UP में अब मकान मालिक मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा सकेंगे किराया, जानिए योगी सरकार का बड़ा फैसला
Uttar Pradesh News, लखनऊ। किराएदारों के हितों से जुड़ी एक बड़ी खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है। खबर के मुताबिक, यूपी में अब कहीं भी बिना लिखित एग्रीमेंट के किराएदार नहीं रखे जा सकेंगे। साथ ही, किराएदार रखने की सूचना रेंट अथॉरिटी ऑफिस में देनी होगी। ऐसे में रेंट एग्रीमेंट में फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा। इसके साथ ही किराएदार और मकान मालिकों के बीच विवादों को कम करने के मकसद से सरकार ने नया अध्यादेश लागू किया है, जिसके तहत अब मकान मालिक किराए में मनमानी बढ़ोतरी नहीं कर सकेंगे।
दरअसल, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सभी प्रदेशों को किरायेदारी अधिनियम का मॉडल ड्राफ्ट भेजा गया था। तो वहीं, केंद्र के मॉडल ड्राफ्ट पर प्रस्तावित उत्तर प्रदेश नगरीय परिसरों की किरायेदारी विनियम अध्यादेश-2020 को राज्य में लागू करने से पहले 9 दिसंबर, 2020 को प्रदेश के मुखया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से सुझाव भी मांगे थे। शुक्रवार (08 जनवरी, 2021) को योगी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 को मंजूरी दे दी है। बता दें कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश अधिसूचना की तिथि से लागू होगा।
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उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 के तहक सालाना 5 से 7 फीसदी तक ही मकान मालिक किराया बढ़ाया सकते है। अध्यादेश के अनुबंध के आधार पर ही किराए पर मकान दिया जाएगा। वहीं इससे जुड़े विवादों का निपटारा रेंट अथॉरिटी एवं रेंट ट्रिब्युनल करेंगे। ट्रिब्युनल को 60 दिन के अंदर वाद का निस्तारण करना होगा। इस अध्यादेश के मुताबिक, दो महीने तक किराया न मिलने पर मकान मालिक किराएदार से मकान खाली करवा सकता है। साथ ही मकान मालिक से बिना पूछे किराएदार कोई तोड़फोड़ मकान में नहीं करा सकेगा। तो वहीं, सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर मकान मालिक दो महीने से ज्यादा का एडवांस नही ले सकेंगे।
किराए
की
देनी
होगी
रसीद
मकान
मालिक
को
किराए
की
भुगतान
की
रसीद
किराएदार
को
देनी
होगी।
जहां
किराया
बैंक
एकाउंट
में
जमा
किया
जाता
है,
वहां
बैंक
की
एकनॉलजमेंट
स्लिप
भी
रसीद
मानी
जाएगी।
अगर
मकान
मालिक
एग्रीमेंट
के
हिसाब
से
किराया
लेने
या
रसीद
देने
से
मना
करता
है
तो
दो
महीने
तक
का
किराया
पोस्टल
मनीऑर्डर
से
भेजा
जा
सकेगा।
इसके
बाद
किराएदार
रेंट
अथॉरिटी
को
आवेदन
देकर
किराया
वहां
जमा
कर
सकेगा।
अथॉरिटी
जांच
कर
आगे
निर्णय
लेगी।
एग्रीमेंट
की
शर्तों
के
तहत
खाली
करना
होगा
मकान
खाली
किराएदार
को
एग्रीमेंट
की
शर्तों
के
तहत
मकान
खाली
करना
होगा।
ऐसा
न
करने
पर
पहले
दो
महीने
पर
उसे
दोगुना
व
उसके
बाद
चार
गुना
किराया
देना
होगा।
आपदा
की
स्थिति
में
किराएदार
को
मकान
खाली
करने
के
लिए
बाध्य
नहीं
किया
जा
सकेगा।
सरकारी
भवनों,
कैंट,
धार्मिक
संस्थानों,
ट्रस्ट,
विवि
या
कंपनी
में
सेवा
शर्तों
के
अधीन
दिए
गए
भवनों
पर
यह
कानून
लागू
नहीं
होगा।