नोटबंदी: एक साल का हुआ खजांची, बैंक की लाइन में लगी मां ने दिया था जन्म
कानपुर। आठ नवम्बर 2016 के दिन देश के प्रधानमंत्री ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए हजार और पांच सौ के नोटों के चलन पर रोक लगा दी थी। हजार और पांच सौ के नोटों को बंद करने के बाद दो हजार और पांच सौ के नए नोट जारी किये गए थे। प्रधानमंत्री के फैसले से समाज में हलचल मच गयी थी। लोगों को पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंक की लाइनों में लगना पड़ा था। बैंकों की लम्बी कतारों में कई-कई घण्टे लगने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। पुराने नोटों को बदलने के लिए कतार में लगी एक महिला का बैंक की सीढ़ियों पर प्रसव हो गया था। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया था। बैंक वालो ने उस बच्चे का नाम खजांची रख दिया और अब वही खजांची एक साल का हो चुका है।
2 दिसंबर 2016 को हुआ था जन्म
कानपुर देहात के झींझक ब्लाक के सरदारपुर गांव की रहने वाली सर्वेसा 2 दिसम्बर 2016 को अपना रुपया निकालने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की लाइन में लगी थी। सर्वेसा गर्भवती थी लेकिन उसके सामने कालोनी की क़िस्त जमा करने को लेकर काफी परेशानी थी जिसको लेकर वह सुबह 9 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक बैंक की लाइन में लगी रही।
बैंक की लाइन में मां को हुई प्रसव पीड़ा
बैंक की लाइन में लगे-लगे उसको प्रसव पीड़ा हुयी और उसने बैंक की सीढ़ियों पर एक बच्चे को जन्म दिया। बैंक की लाइन में लगी सर्वेसा को जब पुत्र रत्न की प्राप्ति हुयी तो बैंक वालों ने उसके लड़के का नाम खजांची रख दिया। खजांची की खबर जब समाचारों में चलनी शुरू हुयी तो उसने सुर्खिया बटोरनी शुरू कर दी।
अखिलेश यादव ने दिए थे दो लाख
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खजांची को बतौर उपहार दो लाख रुपये की राशि भेंट की थी। एक बहन और चार भाइयो में खजांची सबसे छोटा है। खजांची को उपहार में मिले रुपये में से 75 हजार खर्च हो चुका है बाकी रुपया उसकी माँ ने बहन की शादी के लिए बैंक में जमा कर दिया है।