उन्नाव: AIDS के डर से खुले में शौच जाने से रोक रहे गांव वाले, 39 लोग हैं HIV संक्रमित
लखनऊ।
उत्तर
प्रदेश
की
राजधानी
लखनऊ
से
सटे
उन्नाव
जिले
के
तीन
गांवों
में
झोलाछाप
डॉक्टर
की
घटिया
करतूत
से
39
लोगों
को
एड्स
हो
गया।
बात
सामने
आने
के
बाद
से
पूरे
जिले
में
हड़कंप
मचा
हुआ
है।
आलम
ये
है
कि
लोग
खुले
में
शौच
जाने
से
भी
डर
रहे
हैं।
प्रेमगंज
इलाके
के
एक
गांव
में,
जहां
एचआईवी
के
39
मामले
पॉजिटिव
पाए
गए
थे,
ज्यादातर
घरों
में
शौचालय
नहीं
बने
हैं।
वहीं
गांव
के
कुछ
प्रभावशाली
लोग
ऐसे
एचआईवी
संक्रमित
लोगों
को
खुले
में
शौच
जाने
से
रोक
रहे
हैं।
गांव
के
ही
54
वर्षीय
एक
एचआईबी
संक्रमित
अधेड़
की
एकमात्र
इच्छा
है
कि
उनके
घर
में
एक
शौचालय
बनवा
दिया
जाए
जिससे
वह
खुद
को
खुले
में
शौच
जाने
से
रोकने
के
साथ
गांव
के
ताकतवर
लोगों
से
टकराने
से
रोक
पाएं।
जान लीजिए क्या था पूरा मामला
मरीजों से की गई काउसिलिंग में पता चला है कि वे सभी एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराते थे और वो उन्हें एक ही सीरिंज से इन्जेक्शन लगाता है। यही नहीं, ग्लूकोज चढ़ाने के लिए भी उसके द्वारा एक ही डिप सेट का इस्तेमाल करने की भी बात सामने आई है। अब तक 39 एचआईवी मरीज सामने आ चुके हैं।
महामारी की तरह फैल गया संक्रमण
न्नाव के करीमुद्दीनपुर, प्रेम गंज चकमीरापुर में एचआईवी का संक्रामण किसी महामारी की तरह फैल गया है। पिछले सप्ताह से यहां हर रोज एचआईवी पॉजिटिव के नए मरीज सामने आने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया है। मामले का पहली बार खुलासा तीन फरवरी को लगाए गये रक्तदान शिविर में हुआ। इन मरीजों में से 21 को स्टेज वन और टू का मरीज पाए जाने पर सघन चिकित्सा के लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एआरटी सेंटर पर भेजा गया।
बड़ी संख्या में हैं महिलाएं
चूंकि सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन्स हैं कि ऐसे मरीजों की पहचान उजागर न की जाए, इसलिए स्वास्थ्य विभाग इन्हें किसी से मिलने नहीं दे रहा है। लेकिन वे स्वीकार करते हैं कि इनमें बड़ी संख्या में महिलाऐं भी हैं और इन्हें यौन सम्बन्धों से बचना होगा।