बेसहारा महिलाओं और बच्चों के लिए नए आश्रय गृहों के निर्माण को योगी सरकार ने दी हरी झंडी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेसहारा महिलाओं और बच्चों के कल्याण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए योगी सरकार ने नए महिला शरणालय और बाल गृहों को बनाने का फैसला लिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन महिला शरणालय और बाल गृहों के निर्माण की योजना का प्रस्ताव सरकार के सामने प्रस्तुत किया था। इस पर योगी सरकार ने मुहर लगा दी है। विभाग का कहना है कि इन आश्रय भवनों में निराश्रित महिलाओं और बच्चों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
यूपी के जनपदों में 21 महिला और बाल गृहों के निर्माण को योगी सरकार ने हरी झंडी दी है। लखनऊ, अमेठी, गोरखपुर, बनारस, अयोध्या जनपदों में पांच एकीकृत गृहों को बनाया जाएगा। 21 आश्रय गृहों में शिशुगृह, बालक-बालिका बाल गृह और महिला शरणालयों का निर्माण किया जाएगा। वाराणसी में दो नए बाल गृहों के साथ थीम पार्क, नोएडा में मातृ और बाल सदन निर्माण कराने की योजना है। योगी सरकार ने इस पर कहा है कि यूपी में निराश्रितों को सुविधाएं देने पर लगातार काम हो रहे हैं। मिशन शक्ति के तहत महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। बेसहारा बच्चों के लिए बन रहे नए बाल गृहों में डिजिटल शिक्षा की भी व्यवस्था की जाएगी। महिला एवं बाल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बृजेन्द्र सिंह निरंजन ने बताया कि अभी आश्रय गृहों में क्षमता से ज्यादा संवासी हैं, नवीन गृहों के निर्माण से इस समस्या के समाधान में मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश के जनपदों में निराश्रित बच्चों और महिलाओं के निवास के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं ऐसे शरणालयों का संचालन करने में लगी हैं। राजकीय बालिका बाल गृह, राजकीय बालक बाल गृह, दत्तक गृह इकाई, शिशु गृह और महिला शरणालय यूपी में हैं जहां बेसहारों के लिए सरकार की तरफ से रहने की व्यवस्था की जाती है। यूपी में कुल 26 राजकीय संप्रेक्षण गृह और 22 राजकीय बाल गृह हैं। राजकीय बालगृहों में आठ बालक, चार बालिका, पांच शिशगृह और पांच विशेषज्ञ दत्तक इकाई हैं। इसके साथ ही एनजीओ कुल 48 बालगृह संचालित कर रही हैं। इनमें नौ बालक, नौ बालिका, तीन शिशु, सात विशेषज्ञ दत्तक गृहण इकाई व 20 खुले आश्रय गृह हैं। यूपी के इन बालगृहों में लगभग 6,206 संवासी आश्रय पा रहे हैं।
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