पड़ोसी ने घर के सामने बना दी दीवार, फांद कर आने-जाने को मजबूर है विकलांग
अमेठी। प्रदेश में योगी सरकार के आते ही बहुत सारे आदेश पारित हुए, लेकिन कुछ समय बाद वो सब हवा हो गए। उन्हीं में से एक आदेश था थाने आने वाले हर फरियादी को वहां बैठाकर पानी पिलाया जाए और फिर उसे न्याय दिया जाए। लेकिन पानी पूछना दूर की बात न्याय मिल पाना टेढ़ी खीर हुआ पड़ा है। मुसाफिरखाना कोतवाली के दादरा गांव में एक विकलांग के घर के सामने ही सरहंगो ने दीवार खड़ी कर के रास्ता अवरुद्ध कर दिया, मजबूर होने के बाद भी वो थाने से लेकर डीएम-एसपी की चौखट तक दौड़ा। लेकिन अभी भी वो न्याय से वंचित है।
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पूरा
मामला
मुसाफिरखाना
कोतवाली
के
दादरा
गांव
का
ये
मामला
शमशाद
के
घर
से
जुड़ा
है।
जिस
मकान
को
लेकर
मसला
खड़ा
हुआ
है
उस
पर
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
का
नाम
व
लाभार्थी
का
नाम
भी
लिखा
हुआ
है।
ये
बात
और
चौंकाने
वाली
है
कि
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
की
रकम
के
साथ-साथ
पीड़ित
ने
ज़कात
में
मिले
पैसों
से
जोड़कर
आशियाना
बनवाया
वो
भी
उसे
मयस्सर
नहीं
हो
सका।
आज
भी
पीड़ित
का
परिवार
खुले
आसमान
के
नीचे
पन्नी
तानकर
रहने
को
मजबूर
है।
इसका
कारण
ये
है
कि
दबंगों
ने
घर
के
सामनें
दीवार
खड़ी
कर
रास्ता
ही
बंद
कर
डाला
है।
पीड़ित
परिवार
और
आसपास
के
लोगों
की
मानें
तो
उक्त
जगह
पर
पीड़ित
का
परिवार
पिछले
4
दशक
से
छप्पर
डाल
कर
रह
रहा
है।
वहीं
जिन
लोगों
की
ओर
से
रास्ता
अवरुद्ध
करने
वाले
लोगों
से
बात
की
गई
तो
सुशील
कुमार
श्रीवास्तव
बात
करने
को
आगे
आए।
उनका
कहना
है
कि
जमीन
उनकी
है
और
उस
पर
शमशाद
आदि
ने
कब्जा
कर
लिया
है।
उक्त
परिवार
पर
एन्टी
भूमाफिया
के
तहत
कार्रवाई
की
जानी
चाहिए।
इन
सवालों
के
जवाब
हैं
अहम
बड़ा
सवाल
ये
है
कि
अगर
ज़मीन
पर
शमशाद
के
परिवार
ने
कब्जा
किया
है,
तो
उक्त
ज़मीन
पर
बना
मकान
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
के
तहत
बना
है।
ऐसे
में
प्रधान
से
लेकर
राजस्व
महकमे
तक
ने
नाप
जोख
कर
रिपोर्ट
प्रेषित
की
होगी,
तभी
धन
स्वीकृत
हुआ
होगा?
तो
क्या
इन
सभी
ज़िम्मेदारो
ने
ग़ैर
क़ानूनी
जमीन
पर
मकान
का
निर्माण
करा
डाला।
उससे
बड़ा
सवाल
ये
कि
जब
मकान
का
निर्माण
कार्य
हो
रहा
था
तो
सुशील
कुमार
श्रीवास्तव
आदि
ने
विरोध
क्यों
नही
दर्ज
कराया
कि
उक्त
जमीन
हमारी
है?
DM
अमेठी
ने
दिया
ग़ैर
ज़िम्मेदाराना
जवाब
हद
तो
तब
खत्म
हो
गई
जब
इस
मामले
पर
जिलाधिकारी
अमेठी
शकुंतला
गौतम
से
बातचीत
की
गई
तो
उन्होंने
ग़ैर
ज़िम्मेदाराना
जवाब
दिया।
उन्होंने
कहा
कि
दिखाए
गए
वीडियो
में
यह
घर
प्रधानमंत्री
आवास
योजना
के
अंतर्गत
बना
नहीं
दिखाई
दे
रहा
है।
जबकि
दीवार
पर
साफ
अक्षरों
में
सब
कुछ
दिखाई
दे
रहा।
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