VIDEO: Navratri 2017: व्रत के पहले दिन की ये है मान्यता, ठीक से समझा तो जरूर पूरी होगी मनोकामना
नवरात्र के पहले दिन पर्वत राज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री के दर्शन का विधान है। इस देवी के दर्शन से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। अनुष्ठान से कैसे करें मां को प्रसन्न।
वाराणसी। शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन की मान्यता है। माना जाता है कि मां शैलपुत्री महान उत्साह वाली देवी और भय का नाश करने वाली हैं। इनकी आराधना से यश, कीर्ति, धन और विद्या की प्राप्ति होती है। इनकी पूजा मात्र से मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। मान्यता अनुसार जगदंबा मां शैलपुत्री स्वरूप में पर्वत राज हिमालय के घर पुत्री रूप में अवतरित हुई थी और कालांतर में जगदंबा इसी स्वरूप में पार्वती के नाम से देवों के देव भगवान शंकर की अर्धांगनी हुईं। वाराणसी में मां शैलपुत्री का मंदिर अलइपुर क्षेत्र मे वरुणा नदी के किनारे स्तिथ है। नवरात्री के पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में उमड़ पड़ी। हाथों में नारिअल और फूल माला लेकर सभी अपनी बारी का इंतजार मां के दर्शन के लिए कर रहे थे। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय माता दी के उद्घोष से गूंज उठा।
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इस स्वरूप के दर्शन मात्र से हो जाते हैं सरे पाप नष्ट
देवों के देव महादेव की नगरी काशी में नवरात्र में शक्ति की उपासना और आराधना हो रही है और हो भी क्यों ना! ये नजारा वाराणसी के शैलपुत्री मंदिर का है जिसके पुजारी गजेंद्र गोस्वामी ने बताया की वैसे आम तौर से नवरात्र नव दिनों का होता है। जिसमें देवी के विभिन्न स्वरूपों का अलग-अलग स्थानों पर दर्शन पूजन का विधान है। नवरात्र के पहले दिन पर्वत राज हिमालय की पुत्री माता शैलपुत्री के दर्शन का विधान है। इस देवी के दर्शन से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। नया और रात्र का अर्थ है अनुष्ठान, तो नवरात्र अर्थात् नया अनुष्ठान। शक्ति के नौ रूपों की आराधना नौ अलग-अलग दिनों में करने के क्रम को ही नवरात्र कहते हैं। मां जीवात्मा, परमात्मा, भूताकाश, चित्ताकाश और चिदाकाश में सर्वव्यापी है।
सुबह से ही मंदिर में भक्तों की भीड़
इसी धार्मिक आस्था के साथ आज नवरात्रि के पहले दिन विश्वनाथ की नगरी में शारदीय नवरात्र में श्रदालु माता शैलपुत्री के दर्शन पूजन के लिए मंगला आरती के बाद से अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। यहां आने वाले भक्त सुजीत और शीतल ने हमे बताया कि वो कई वर्षों से देवी के नौ स्वरूपों का दर्शन करती हैं और मां सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस बार यही मन्नत है की माता परिवार के साथ देश में सुख और शांति की बनाए रखें।