श्रीराम आरती पर विवाद के बाद मुस्लिम महिला का दारुल उलेमा को जवाब- राम हमारे पूर्वज
'ऐसे फतवे जारी करने वाले अपने दारुल उलेमा के सदस्य और पदाधिकारी अपना आधार कार्ड, पैनकार्ड भारत सरकार को वापस कर दें क्योंकि उस पर उनकी फोटो छपी होती है।'
Recommended Video
वाराणसी। बनारस में मुस्लिम महिला फाउंडेशन की महिलाओं के भगवान श्रीराम को अपना पूर्वज मानते हुए आरती करने का विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में दारुल उलेमा ने जहां इन महिलाओं को मुसलमान ना मानते हुए फतवा जारी कर दिया है, वहीं बनारस की मुस्लिम महिला फाउंडेशन की अध्यक्ष सदर नाजनीन अंसारी ने दारुल उलेमा जैसी संस्थाओं को कटघरे ने खड़ा कर दिया है। नाजनीन ने OneIndia से बात करते हुए कहा कि ये संस्थाएं मतलब परस्त हैं और अपने स्वार्थ को साधने के लिए हिन्दू-मुस्लिमों के बीच जानबूझकर विवाद पैदा करती हैं। यही नहीं नाजनीन अंसारी ने कहा कि जो लोग अपने आप को इस्लाम का ठेकेदार मानते हैं और ऐसे उलूल-जुलूल फतवे जारी करते हैं उनके खिलाफ हमारी भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट से आग्रह है कि ऐसी एजेंसियों को तत्काल बंद करवाए जो इस्लाम के नाम पर लोगों को बांटने का काम कर रहे हैं, क्योंकि इस्लाम में कहीं अमन, चैन और भाईचारे के पैगाम के अलावा कुछ नहीं है। मुझे तो ऐसे फतवे जारी करने वाले जाहिलों पर हंसी आती है।
फतवा जारी करने वाले जमा करें आधार और पैन कार्ड
सदर नाजनीन अंसारी के भगवान श्री राम की आरती किए जाने से शुरू हुए विवाद के बाद फतवा जारी होने पर उलेमा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इंसान का धर्म और मजहब बदल जाता है लेकिन उसके पूर्वज नहीं बदलते। तीन तलाक के लिए लड़ाई लड़ने वाली नाजनीन कहती हैं कि भगवान श्री राम हमारे पूर्वज थे और भारतीय संस्कृति में अपने से बढ़े का सत्कार और स्वागत उसे तिलक लगाकर, माला पहनाकर, आरती कर उसके स्वागत में दीपोत्सव मनाकर किया जाता है।
'राम' को बताया था अपना पूर्वज
इसी कड़ी में हम हर दीपावली और रामनवमी के दिन अपने पूर्वज श्रीराम भगवान का स्वागत दीपोत्सव और आरती कर करते आ रहे हैं। जिस पर हमें इस्लाम की नसीहत देकर कहा जाता है कि हम अपनी फोटो और विचार सोशल साइटों पर ना रखें। ऐसे फतवे जारी करने वाले अपने दारुल उलेमा के सदस्य और पदाधिकारी अपना आधार कार्ड, पैनकार्ड भारत सरकार को वापस कर दें क्योंकि उस पर उनकी फोटो छपी होती है।
उलेमा छोड़ें नोटों की गड्डियां
यही नहीं अपने पास जो नोटों की गड्डियां रखे हुए हैं, उन्हें भी सरकार को वापस कर दें। उस पर भी गांधी जी की फोटो छपी होती है। फिर जाकर नसीहत और फतवे जारी करें।
Read more: हिमाचल प्रदेश चुनाव 2017: बीजेपी का है इस डेरे से कनेक्शन