मुस्लिम उम्मीदवारों ने बचाई कैसे अखिलेश यादव और सपा की नाक!
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के चुनाव परिणाम आ चुके हैं और अब इन चुनाव परिणामों की हर तरफ समीक्षा भी हो रही होगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब यह चुनाव परिणाम देखेंगे तो उन्हें समझ में आएगा कि आखिर कौन से वो उम्मीदवार थे जो समाजवादी पार्टी की नाक बचाने में पूरी तरह से कामयाब रहे।
33 फीसदी ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार जीते
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में समाजवादी पार्टी अपने 229 के आंकडें से कम होकर सिर्फ 47 सीटों पर ही सिमट गई। इन 47 सीटों में भी सबसे ज्यादा जो उम्मीदवार जीते हैं वो सभी मुस्लिम हैं। समाजवादी पार्टी के लिए इस बार कुल 17 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है। जोकि सभी विधायकों का 33 फीसदी से ज्यादा है। अगर से सभी उम्मीदवार जीत कर नहीं आते तो समाजवादी पार्टी की हालत और ज्यादा खराब हो सकती थी। साथ ही यूपी विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या सिर्फ 30 ही रह जाती है।
आजम खान समेत 17 मुस्लिम बने सपा से विधायक
इस बार समाजवादी पाटी के लिए महबूब अली (अमरोहा), मोहम्मद फहीम (बिलारी), नसीर अहमद खान (चमरौरा), नफीस अहमद (गोपालपुर), अबरार अहमद (इसौली), नाहिद हसन (कैराना), मोहम्मद रिजवान (कुंडरकी), याशर शाह (मटेरा), रफीक अंसारी (मेरठ), हाजी इकराम कुरैशी (मुरादाबाद ग्रामीण), तसलीम अहमद (नजीबाबाद), आलमबदी (निजामाबाद), मोहम्मद आजम खान (रामपुर), इकबाल अहमद (संभल), हाजी इरफान सोलंकी (सिसामऊ), मोहम्मद अब्दुल्ला आजम (सुवार), नवाब जान (ठाकुर गुरुद्वारा) ने जीत हासिल की। इन सभी मुस्लिम उम्मीदवारों में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान और उनके पुत्र मोहम्मद अब्दुल्ला आजम ने भी जीत सुनिश्चित की। साथ ही इन दोनों पिता-पुत्र की जोडी ने भी बडे अंतर से जीत भी हासिल की। अब्दुल्ला आजम ने जहां 53,096 वोटों के अंतर से तो वहीं आजम खान 46842 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
विधानसभा 2017 में घट गए मुस्लिम विधायक
उत्तर प्रदेश में पिछले 2012 विधानसभा चुनाव में 68 मुस्लिम विधायक थें, वहीं इस बार 2017 के चुनाव में सिर्फ 25 मुसलमान प्रत्याशी ही चुनाव जीत सके हैं। इनमें 17 सपा से, 6 बसपा और 2 कांग्रेस से हैं। चुनावी जानकारों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में ये अब तक सबसे कम नम्बर है। इससे पूर्व 2007 में भी 56 मुस्लिम उम्मीदवार जीत कर विधायक बने थे। जानकारों की माने तो उत्तर प्रदेश के इतिहास शायद ये पहली बार हो रहा है कि सरकार बनाने वाली पार्टी में एक भी मुसलमान नहीं है। वहीं जीतने वाले 25 उम्मीदवारों के अलावा दूसरे पर रहने वाले मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या 84 है।
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