सुनील राठी का कबूलनामा: मुन्ना बजरंगी ने मोटा बोल मुझ पर तानी थी बंदूक, मैंने छीनकर उसे ही गोलियों से भून दिया
नई दिल्ली। यूपी की बागपत जेल में बंद माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या को लेकर यूपी में हडकंप है। मुन्ना बजरंगी को कोर्ट में पेशी के लिए झांसी से बागपत लाया गया था। यहां इसी जेल में बंद कुख्यात सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी पर 10 गोलियां बरसा दीं। जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सुनील राठी ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि मुन्ना ने उसके लुक पर कमेंट किया था जिससे वो भड़क गया। सुनील राठी ने पुलिस को बताया था जेल में टहलने के दौरान मुन्ना बजरंगी से उसका सामना हुआ। सुनील के मुताबिक उसी समय मुन्ना बजरंगी ने उसे मोटा कहा और मजाक उड़ाया।
सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी में हुई बहस
सुनील ने पुलिस को बताया कि टहलने के समय मुन्ना बजरंगी ने मुझसे कहा कि मैं बहुत मोटा हूं। मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं आया। मैंने बजरंगी से कहा कि पहले अपनी स्थिति सुधारो। इसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई। सुनील ने बताया कि थोड़ी ही देर में मुन्ना ने मुझपर पिस्टल तान दी। मैंने बंदूक खींच ली और उसे लात मारकर गिरा दिया। जैसे ही वह गिरा, मैंने बंदूक की पूरी गोली उस पर खाली कर दी।'
यह वजह हजम नहीं हो रही
मुन्ना बजरंगी की हत्या के पीछे यह मामूली वजह और पुलिसिया थ्योरी को हजम करना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। खुद बड़े पुलिस अधिकारी इस बात को समझ नहीं पा रहे। घटना की जांच कर रहे एक आला अधिकारी ने बताया कि 'बागपत जेल में मुन्ना से ज्यादा सुनील राठी के लिए परेशानी थी। दूसरे गवाहों ने बताया कि सुनील ने एकांत सेल (आइसोलेशन सेल) के बाहर बने गार्डन में टहलते हुए बिना वजह खुलेआम फायरिंग शुरू कर दी थी।
कहीं प्री प्लांड तो नहीं थी बजरंगी की हत्या, बागपत जेल में हो रहा था इंतजार
वहीं एक पुलिस अफसर ने बजरंगी की हत्या पूर्व नियोजित होने की आशंका जताई है। उन्होंने बताया, 'वह पहले से ही हत्या का दोषी था। राठी ने उसकी खोपड़ी पर सारी गोलियां खाली कर दीं। यह पक्का करने के लिए कि वह किसी भी तरह जिंदा न बचे। ऐसा लग रहा है कि मुन्ना बजरंगी के बागपत जेल आने का इंतजार किया जा रहा था।' उधर, स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह सामने आया है कि मुन्ना के शरीर में कोई भी गोली नहीं मिली। सारी गोलियां उसके शरीर को छेदते हुए बाहर निकल गई हैं, इससे यह भी अंदाजा नहीं लगाया जा सका कि कुल कितनी गोलियां लगी हैं।