IIT कानपुर की मदद से दिल्ली पर इस तरह से कराई जाएगी कृत्रिम वर्षा, देखें वीडियो
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में व्याप्त पॉल्यूशन और स्मॉग पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार अब कृत्रिम बरसात करायेगी। इसके लिये आईआईटी, कानपुर के वैज्ञानिकों की टीम तैयार है। टीम का नेतृत्व पर्यावरण वैज्ञानिक डा. सच्चिदानन्द त्रिपाठी करेंगे। इसके बाद दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जो प्रयोग होगा, देश को वह तकनीक अच्छे से हासिल हो सकती है।
आईआईटी कानपुर की टीम दूर करेगी प्रदूषण
प्रदूषण के कारण धुॅध स्माॅग में तब्दील हो रही है। यह मनुष्य के लिये जानलेवा भी साबित हो रही है, लेकिन आईआईटी कानपुर की टीम केंद्र सरकार के बुलावे पर इस प्रदूषण के खात्मे को तैयार है। इस टीम ने अपने एक रिसर्च का हवाला देते हुए यूपी सरकार को प्रस्ताव भेजा था, कि लखनउ में प्रदूषण और स्माॅग को खत्म करने के लिये वो कृ़ित्रम बारिश करा सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रस्ताव पर सहमति दे दी थी। स्माॅग पर काबू पाने के इस अभियान को ‘‘आपरेशन क्लाउड सीडिंग'' का नाम दिया गया था।
ऐसे काम करेगी तकनीक
आईआईटी, कानपुर के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. सच्चिदानन्द त्रिपाठी के अनुसार, आॅपरेशन क्लाउड सीडिंग के लिए केंद्र सरकार उन्हें विमान देगी। वैज्ञानिक इस विमान में अपने उपकरण फिट करेगें। विमान के बाहरी हिस्से में कई बर्नर और जेनरेटर लगाये जायेगें। जिनमें सिल्वर आयोडाईड का घोल उच्च दाब पर भरा होगा। लखनउ के उपर हवा के उल्टी दिशा में यह विमान उड़ाया जाना था, पर ये टल गया था। इस तकनीक में सही बादलों का सामना होते ही बर्नर चालू कर दिये जाते हैं। इससे निकलने वाला सिल्वर आयोडाईड का घोल बादलों को बिन बरसे जाने नहीं देगा। लेकिन इसके लिये वैज्ञानिक पहले दिल्ली के उपर इन दिनों मौजूद बादलों का अध्ययन करेंगे। बरसने वाले बादलों में अति शीतल तरल जल व बर्फ के अंश मौजूद होना जरूरी है। इसके अलावा ठण्डे और गर्म बादलों का मिश्रण भी आकाश में मौजूद होना चाहिये। अन्यथा पर्याप्त अथवा उचित स्थान पर बदाल नहीं बरसेंगे।
पहले भी कीं कोशिश
आईआईटी कानपुर इसरो के विमान के जरिये कृत्रिम बारिश का सफल प्रयोग पहले भी कर चुका है। जब वह मानसून के दिनों में बादलों को घेर कर बरसात कराने के लिये था, मगर बिन मौसम बरसात का यह पहला प्रयोग होगा।
सूखे से भी निपटे कई देश
इसके अलावा विश्व के कई देशों में कृत्रिम बरसात के जरिये सूखे की स्थिति से निपटा जाता रहा है। लेकिन प्रदूषण खत्म करने के लिये कृत्रिम बरसात का यह पहला प्रयोग है और आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक भी इस प्रयोग को लेकर काफी उत्साहित हैं।
10 हजार की फीट की उूंचाई से दूर होगी दिक्कत
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि हवा में दस हजार फिट की उॅचाई पर जाकर सिल्वर आयोडाईड का छिड़काव जो होगा, वह इन्सानी बस्तियों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालेगा। इसके कण धरती पर पहुंचते-पहुंचते पानी के साथ घुलकर पाताल में समा जायेंगे और भूगर्भीय जल के लिये भी नुकसानदेह साबित नहीं होंगे।
दिल्ली में कोहरा बढा
दिल्ली-एनसीआर में आज सुबह कोहरा छाया हुआ है। इसका असर दिल्ली-गुरुगांव और नोएडा-दिल्ली के रास्ते देखा गया है। इसके साथ ही ठंड भी अच्छी-खासी है। कोहरे की वजह से ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ रहा है।