उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

VIDEO: सड़क पर चलता है प्रदेश का ये स्कूल, 70 बच्चों को पढ़ाती हैं सिर्फ एक टीचर

Google Oneindia News

मिर्जापुर। देश की राजधानी दिल्ली में जहां सरकारी स्कूल सुविधाओं में मोटी फीस वसूलने वाले प्राइवेट विद्यालयों से भी बेहतर काम कर रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक ऐसा स्कूल है जो दस साल से सड़क पर चल रहा है। आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सोलह आने सच है। मिर्जापुर नगर के मध्य स्थित रामआग मोहल्ले में बैरिस्टर यूसुफ बेसिक प्राइमरी पाठशाला के बच्चे और अध्यापक सड़क पर बैठकर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं।

दुकान की तरह मिला है एक कमरा, बच्चें हैं 70

दुकान की तरह मिला है एक कमरा, बच्चें हैं 70

इस स्कूल में सिर्फ 70 बच्चे पढ़ रहे हैं और स्कूल के नाम पर सिर्फ एक दुकान का कमरा मिला हुआ है। इसी कमरे में स्कूल का समान रखा हुआ है। थोड़ी ही जगह में बच्चे बैठ कर पढ़ते हैं। एक कमरा होने के चलते आधे से अधिक बच्चों को सड़क पर बैठा दिया जाता है। स्कूल के अध्यापक ब्लैक बोर्ड को सड़क पर ही लगा कर बच्चों को पढ़ाते हैं।

सड़क पर ही बनता है भोजन

सड़क पर ही बनता है भोजन

जगह न होने के कारण बच्चों के लिए बनने वाला मिड डे मील का भोजन भी सड़क पर ही बनता है। स्कूल की रसोइया हीरावती और चंदा मिल कर सड़क पर भोजन बनाती हैं। बच्चों के खाना खाने के बाद बर्तन भी सड़क पर ही साफ करती हैं। इसके बाद बच्चों की पढ़ाई शुरू होती है। स्कूल खत्म होने तक दोनों दाईं सड़क के किनारे बैठ कर पढ़ रहे बच्चों कि सुरक्षा करती हैं।

गाड़ी आने पर बच्चों को हटना पड़ता है

गाड़ी आने पर बच्चों को हटना पड़ता है

विद्यालय में 2011 से पढ़ा रही महिला अध्यापिका आयशा ने बताया कि जब सड़क पर कोई गाड़ी आती है तो स्कूल की दाई के साथ वह बच्चों को हटा देती हैं और गाड़ी गुजरने के बाद दुबारा बच्चे वही बैठ कर पढ़ना शुरू कर देते हैं। आयशा के अनुसार उनकी मजबूरी है कि बारिश के मौसम या फिर कोहरे में स्कूल को बंद कर दिया जाता है। इन मौसमों में सड़क पर बैठा कर बच्चों को पढ़ाने में परेशानी होती है, फिर भी कोई सुध लेने वाला नहीं है।

70 बच्चों पर एक टीचर

70 बच्चों पर एक टीचर

2015 में अमीना खातून के रिटायरमेंट के बाद आयशा 70 बच्चों पर इकलौती अध्यापिका है। प्रतिदिन 40 से 50 बच्चे स्कूल आते है, उन्हें वह अकेले ही पढ़ाती हैं। हालाकि बच्चों के पढ़ाई से ज्यादा बच्चों कि सुरक्षा कि फिक्र उन्हें हमेशा लगी रहती है। समस्या के समाधान के लिए विभागीय अधिकारियों से शिकायत कि गई मगर अधिकारी मौके पर आते हैं और देख कर चले जाते हैं।

 शिक्षा अधिकारियों का वही पुराना अलाप

शिक्षा अधिकारियों का वही पुराना अलाप

कई अधिकारी बदल गए पर व्यवस्था में सुधार नहीं आया। सभी अपना ठीकरा एक दूसरे पर मढ़ते हैं। जिला बेसिक अधिकारी प्रवीण तिवारी भी इन बातों से इनकार करते हुए कहते हैं कि वह इस समस्या के समाधान के लिए नगरपालिका अध्यक्ष से मिल चुके हैं। अगर नगरपालिका जमीन देने को तैयार होती है, तो स्कूल बनवा कर उसी में चलाया जाएगा।

<strong>ये भी पढ़ें- दर-दर भटक रहा है 8 साल का बच्चा, जिंदगी-मौत से जूझ रहे पिता के लिए चाहिए 'खून'</strong>ये भी पढ़ें- दर-दर भटक रहा है 8 साल का बच्चा, जिंदगी-मौत से जूझ रहे पिता के लिए चाहिए 'खून'

Comments
English summary
mirzapur school runs on road in uttar pradesh only one teacher teaches 70 student
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X