बच्चों ने बनाया 'आयरन मैन' जैसा ग्लब्स, गंदी हरकत करने वाले को लगेगा तगड़ा झटका
मिर्जापुर। देश भर में आए दिन लड़कियों के साथ हो रही छेड़खानी की वारदात सामने आती है। इन घटनाओं से निजात दिलाने के लिए एक स्कूल के 10वीं के छात्रों ने एक अनोखी डिवाइस बनाई है। छात्रों ने एक ऐसा दास्ताना (ग्लब्स) बनाया है जो लड़कियों को छेड़खानी की घटना से बचाएगा। छात्रों ने ग्लब्स इस तरह से बनाया है कि इसे पहनने वाली लड़की को बदनीयति से छूने वाले को 2000 बोल्ट का करंट लगेगा और उसके होश फाख्ता हो जाएंगे। यही नहीं ग्लब्स में करंट का सिस्टम इस तरह से फिट किया गया है कि छेड़खानी करने वाले का लड़की जैसे ही हाथ पकड़ेगी तो उसके मोबाइल पर डायल अंतिम नम्बर पर अपने आप कॉल चली जाएगी। इससे लड़की के परिजनों को पता चल जाएगा और परिजन तत्काल मौके पर पहुंच सकते हैं।
इन छात्रों ने इस तरह बनाया ग्लब्स
छात्रों अनुराग सिंह, आशीष उपाध्याय, आकर्षित त्रिपाठी, अनंत उपाध्याय का मार्ग दर्शन करने वाले अकेडमी के अध्यापक ऋषिकांत उपाध्याय ने बताया कि ग्लब्स दिखने में साधारण है। इसमें एक क्वायल फिट किया गया है। 4.7 बोल्ट की लगी बैट्री की क्षमता को क्वायल बढ़ा कर दो हजार बोल्ट तक कर देता है। दास्ताने के निचले हिस्से में दो प्लाइंट बनाए गए हैं। लड़की को जब कोई पकड़ेगा और लड़की उसका हाथ पकड़ेगी तो सर्किट आपस में जुड़ जाएंगे। छूने वाले को दो हजार बोल्ट के करंट का झटका लगेगा। इस बीच मोबाइल सिस्टम भी सक्रिय हो जाएगा। लड़की को केलव स्विच दबाना होगा। लड़की के परिजन की मोबाइल बज उठेगी। फिर तो बुरी नजर रखने वाले की शामत आ जाएगी।
छात्राओं से छेड़खानी की घटना से मिली प्रेरणा
स्कूल आने जाने वाली छात्राओं से होने छेड़खानी की घटना ने छात्रों को कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया। ऋषिकांत बताते हैं छात्रों के मन में कुछ कर गुजरने की बात तो सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा के पहले ही आ गया था। छात्रों ने बताया भी। लेकिन तय हुआ कि समर वेकेशन के दौरान इसे अंजाम दिया जाएगा। परीक्षा खत्म होने के बाद ही अपने संकल्प को अमली जामा पहनाने की तैयारी कर ली। फिर कुछ तकनीकी के जानकार मित्रों से विमर्श किया और 20-25 दिन में मॉडल तैयार कर लिया है। अपनी छुट्टी का सकारात्मक उपयोग करने वाले छात्रों के जज्बे को सलाम।
1500 रु. मॉडल बनाने में आया खर्च
करंट से लैस दस्ताने का एक मॉडल बनाने में लगभग 1500 रुपये खर्च आया है। मॉडल अभी बड़ा है। इसे परिष्कृत कर और छोटा बनाने का प्रयास चल रहा है। तैयार हो जाने के बाद स्वीकृत के लिए सबंधित विभाग को भेजा जाएगा। अनुमति मिलने पर विस्तृत लेवल पर तैयार का आम लोगों के लिए मार्केट में उतारा जाएगा।
सेफ्टी ग्लब्स ईजाद करने वाले बच्चों के एसपी हुए कायल
युवतियों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी ग्लब्स ईजाद करने वाले कछवां के स्वामी विवेकानंद एकेडमी के छात्रों से पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी अपने कार्यालय में मिले। छात्रों व उनके मार्ग दर्शक गुरुओं से मिलने के बाद एसपी बोले शाबास बच्चों तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं। 10वीं के छात्रों के मेधा कायल हुए एसपी ने बच्चों से ग्लब्स की बारीकियों को समझा।
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