राष्ट्रीय कार्यसमिति से निकला संदेश, जानिए 'तुष्टीकरण' का जवाब कैसे 'तृप्तीकरण' से देगी BJP
लखनऊ, 4 जुलाई: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस समय सफलता के रथ पर सवार है। इसका आलम यह है कि केंद्र में हो या यूपी में हर जगह बीजेपी की सरकार की वापसी हुई है। बीजेपी के पास नरेंद्र मोदी जैसा करिश्माई नेता मौजूद है जो बीजेपी को आगे ले जाने का काम कर रहा है। तेलंगाना में हुई राष्ट्रीय कार्यसमिति में भी यूपी के रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में मिली जीत की चर्चा हुई। इस जीत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने भी कहा कि अब जनता मुस्लिम यादव और दलित मुस्लिम समीकरण से उब गई है। इन चुनावों में जिस तरह से पार्टी को जती मिली उससे यही संदेश गया है कि एक वर्ग का तुष्टीकरण करने वाली पार्टियां भाजपा को नहीं हरा सकती हैं। इनकी तुष्टीकरण का जवाब "तृप्तीकरण" से देना होगा।

तुष्टीकरण का जवाब तृत्पीकरण से देगी बीजेपी
राष्ट्रीय कार्यसमिति में मौजूद बीजेपी के नेता ने बताया कि बीजेपी ने अब नए फार्मूले पर चलने का मन बना लिया है। अब बीजेपी विपक्ष के एक वर्ग के तुष्टीकरण का जवाब तृप्तीकरण से देगी। यानी पार्टी के आलाकमान का संदेश है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से हर वंचित वर्ग को तृप्त यानी संतुष्ट करने का काम करिए। जिस दिन ये मिशन सफल हो जाएगा तुष्टीकरण का जवाब विपक्ष को अपने आप ही मिल जाएगा। इसलिए उन लोगों को तरजीह दें और उनके पास पहुंचे जिनको अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है।

पसमांदा मुसलमानों को साधने की कोशिश
बीजेपी के नेता ने बताया कि भारतीय राजनीति में हिंदुओं के सामाजिक समीकरणों को लेकर कई प्रयोग हुए हैं और पसमांदा मुसलमानों जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों तक भी पहुंचने का प्रयास किया जाना चाहिए। पसमांदा मुसलमानों के नेता अक्सर दावा करते हैं कि 80-85 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी पसमांदा मुसलमान हैं, लेकिन अल्पसंख्यक नेता अल्पसंख्यकों के नाम पर जो बात करते हैं, वह वास्तव में उच्च वर्ग के मुसलमान हैं। पसमांदा का तात्पर्य पिछड़े या दलित अल्पसंख्यकों से है। इस समाज के नेता कांग्रेस, समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते रहे हैं कि इन पार्टियों ने उन्हें खूब ठगा है।

हिन्दू समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों तक पहुंचने की कवायद
पार्टी कार्यकर्ताओं को न केवल हिंदू समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों तक पहुंचना चाहिए, बल्कि अल्पसंख्यकों के बीच भी जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें उनके कल्याण के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ मिले। ऐसा ही एक सुझाव मोदी ने पिछले साल भाजपा पदाधिकारियों की बैठक में दिया था। उन्होंने कहा था कि पार्टी को केरल में ईसाई समुदाय तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वहां अपना जनाधार मजबूत किया जा सके।

युवाओं को ज्यादा से ज्यादा पार्टी से जोड़ने की कोशिश
पार्टी के नेता ने बताया कि बैठक में अधिक से अधिक युवाओं से संपर्क करने और उन्हें पार्टी से जोड़ने की बात पर बल दिया गया। हिन्दुओं में गहरी पैठ के साथ अल्पसंख्यकों को जोड़ने के प्रयास में भाजपा को जिस प्रकार सफलता मिल रही है, राष्ट्रीय सुरक्षा और हिंदुत्व को प्राथमिकता देते हुए उसे 2050 का विश्वास दिलाया है। युवा नेताओं की दूसरी पंक्ति भी इस विश्वास को आशा देती है कि भाजपा मोदी-शाह तक रुके नहीं, इसने कई दशक आगे अपना मिशन बना लिया है।
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