धर्म से हैं मुस्लिम लेकिन हिंदू कांवड़ियों के लिए कांवड़ बनाता है ये परिवार
मेरठ। हिन्दू मुस्लिम और जाति बिरादरी केवल राजनीति के लिए सरहद हो सकती है, लेकिन उन लोगों के लिए तो कोई सरहद नहीं है जो इन सबसे उठ कर प्रेम भाईचारे से रहते है। अपने परिवार के पालने के लिए वो काम करते है जो दुसरे के धर्म पर टिका है। मेरठ में कुछ इस तरह के परिवार है जो कांवड़ बनाकर दो वक्त की रोटी का प्रबंध करते है। उनका रोजगार केवल इस कांवड़ पर टिका है उनके हाथ से बानी कावड़ मेरठ में नहीं दुसरे शहरों में क्या दूसरे राज्यों में बेची जाती है।
मेरठ के रहने वाले शराफत जो रंग बिरंगी कावड़ बनाने का काम पिछली तीन पीढ़ियों से करते आ रहे है। सरताज का कहना है ये हमारी रोजी रोटी है कावड़ के साथ रावण भी बनने का काम करते है। घर की महिलाएं कांवड़ बनाने का काम करती है। इन्होंने मेरठ में ही नहीं हरिद्वार में भी कावड़ बनने की दुकान खोल रखी है।
मोहम्मद सरताज की भी करीब पांच पीढ़िया कावड़ बनाने का काम करती है। भगवान् श्री राम और श्री कृष्ण की झांकिया भी बनाते है। उनका कहना है कि हमारा गैर धर्म काम है लेकिन किसी उलेमा या राजनेता से कोई लेना देना नहीं है यह हमारी रोजी रोटी का साधन है।