इलाहाबाद-फूलपुर उपचुनाव में अखिलेश को समर्थन का मायावती ने किया ऐलान
लखनऊ। 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस तरह से बसपा का खाता नहीं खुला और सपा की दुर्दशा हुई और उसके बाद 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने दोनों ही पार्टी को कोने में ढकेल दिया, उसके बाद अब सपा और बसपा एक साथ आने की फैसला लिया है। यूपी में होने वाले उपचुनाव में सपा और बसपा एक साथ आ गए हैं। इस बाबत आज एक अहम बैठक में फैसला लिया जा गया, जिसकेे बाद घोषणा की गई कि फूलपुर व गोरखपुर में बसपा सपा को अपना समर्थन देगी।
अहम बैठक में हुआ फैसला
जिस तरह से प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर है उसे देखते हुए मायावती अपनी रणनीति में बदलाव किया है। वह फूलपुर व गोरखपुर में होने वाले चुनाव के मद्देनजर दोनों ही मंडलों के को ऑर्डिनेटर के साथ मायावती ने बैठक की। जानकारी के अनुसार यह बैठक लखनऊ में हुई। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है कि सपा के उम्मीदवार का बसपा समर्थन करेगी
भाजपा के लिए अहम दोनों सीट
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफा देने के बाद दोनों ही सीटें खाली हो गई है। यहां 11 मार्च को मतदान होना है और 14 मार्च को मतगणना होने के बाद नतीजों की घोषणा कर दी जाएगी। इन दोनों ही सीटों पर भाजपा ने 2014 में चुनाव जीता था। गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ तो फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्या को जीत मिली थी।
अतीक अहमद भी मैदान में
जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने फूलपुर से कौशलेंद्र पटेल को मैदान में उतारा है, जबकि सपा ने भी नागेंद्र पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने मनीष मिश्रा को टिकट दिया है। लेकिन इस पूरी गणित को बिगाड़ने का काम निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे अतीक अहमद कर रहे हैं। अतीक अहमद फूलपुर सीट से सांसद रह चुके हैं।