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EVM पर क्या मायावती-अखिलेश के आरोपों में है दम? देखिए ये आंकड़े जो वायरल हो रहे हैं

ईवीएम में धांधली के मायावती के आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह जांच का विषय है लेकिन जो आंकड़े वायरल हो रहे हैं उनमें एक अलग ही तस्वीर उभरकर सामने आ रही है।

By Oneindia Staff Writer
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नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले यूपी निकाय चुनावों के नतीजे भाजपा के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं हैं। शहरी इलाकों में अपनी बादशाहत कायम रखते हुए भाजपा ने 16 नगर निगमों में से 14 पर कब्जा जमाया है। पार्षदों के लिए हुए चुनाव में भी भाजपा का ही डंका बजा है। हालांकि मेयर की 2 सीटों पर जीत हासिल करते हुए बहुजन समाज पार्टी ने शानदार वापसी की है और इसके साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा पर ईवीएम में धांधली कर मेयर की 14 सीटें जीतने का आरोप भी लगाया है। मायावती का कहना है कि अगर भाजपा ईमानदार पार्टी है तो वो 2019 के लोकसभा चुनाव ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराए। मायावती के अलावा समाजवाटी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी ट्वीट पर भाजपा को ईवीएम के मुद्दे पर निशाने पर लिया है। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर ईवीएम और बैलेट पेपर से हुए चुनाव परिणामों की तुलना करने वाले आंकड़े भी वायरल हो रहे हैं।

मेयर की 16 में से 14 सीटों पर भाजपा

मेयर की 16 में से 14 सीटों पर भाजपा

ईवीएम में धांधली के मायावती के आरोपों में कितनी सच्चाई है, यह जांच का विषय है लेकिन जो आंकड़े वायरल हो रहे हैं उनमें एक अलग ही तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, 'बैलेट पेपर वाले चुनावी इलाकों में भाजपा को केवल 15 फीसदी सीटें मिली हैं और ईवीएम वाले इलाकों में 46 फीसदी सीटें मिली हैं।' दरअसल यूपी के 16 नगर निगमों में मेयर पद के लिए ईवीएम से वोट डाले गए, जिनमें भाजपा ने 14 पर जीत हासिल की। 2 सीटों पर बसपा को जीत मिली। पार्षदों के लिए हुए चुनाव में भी भाजपा को अच्छी सीटें मिली हैं, लेकिन बैलेट पेपर वाले आंकड़े अलग हैं।

नगर पंचायत अध्यक्ष की सिर्फ 100 सीटें

नगर पंचायत अध्यक्ष की सिर्फ 100 सीटें

यूपी में नगर पंचायत अध्यक्ष के कुल 438 पदों के लिए चुनाव हुए। सभी जगह बैलेट पेपर से वोटिंग हुई। नगर पंचायत अध्यक्ष के इन चुनावों में भाजपा को केवल 100 सीटें मिली हैं, जबकि 338 सीटों पर गैर-भाजपाई दलों और निर्दलीयों ने जीत हासिल की है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे आंकड़ों का मिलान जब चुनाव आयोग की वेबसाइट से किया गया, तो ये आंकड़े सही मिले।

नगर पंचायत सदस्य की 12.22 फीसदी सीटों पर जीत

नगर पंचायत सदस्य की 12.22 फीसदी सीटों पर जीत

अध्यक्ष के अलावा नगर पंचायत के 5434 सदस्यों के लिए भी बैलेट पेपर से मतदान हुआ। 5434 सीटों में से भाजपा को केवल 664 सीटों पर जीत मिली, जबकि 4770 सीटें गैर-भाजपाई दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं। यानी भाजपा को नगर पंचायत सदस्य की महज 12.22 फीसदी सीटों पर ही जीत हासिल हुई।

पालिक परिषद अक्ष्यक्ष चुनाव में भी केवल 70 सीटें

पालिक परिषद अक्ष्यक्ष चुनाव में भी केवल 70 सीटें

इनके अलावा नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के 198 पदों के लिए बैलेट पेपर से वोट डाले गए। भाजपा को इनमें से 70 सीटों पर जीत मिली और 128 सीटों पर हार, यानी केवल 35.35 प्रतिशत ही सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा। 128 सीटों पर गैर-भाजपाई दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत का परचम लहराया।

पालिका परिषद की केवल 17.53 फीसदी सीटें मिलीं

पालिका परिषद की केवल 17.53 फीसदी सीटें मिलीं

अध्यक्ष के अलावा नगर पालिका परिषद के 5261 सदस्यों के पदों के लिए बैलेट पेपर से मतदान हुआ। भाजपा को यहां 922 सीटों पर जीत मिली और 4339 सीटों पर उसे हार का सामना करना पड़ा। इस तरह देखा जाए तो भाजपा को केवल 17.53 फीसदी सीटों पर ही जीत मिली। इन्हीं आंकड़ों को लेकर बसपा और सपा का आरोप है कि भाजपा ईवीएम के जरिए ही चुनावों में जीत हासिल कर रही है।

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English summary
Mayawati and Akhilesh Yadav Blames EVM tampering for BJP Victory in UP Civic Polls 2017.
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