12460 शिक्षक भर्ती के बीच 25 अभ्यर्थियों को बांट दिए गए फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर, जांच शुरू
मथुरा। मथुरा में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा 185 अभ्यर्थियों को दिए गए नियुक्ति पत्र देने के बाद सामने आया है। 185 अभ्यर्थियों में से 25 ऐसे हैं जिन्होंने फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र हासिल कर लिए। मामला सामने आने के के बाद डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है। इस मामले के पकड़ में आने के बाद से ये कयासें लगाई जा रही हैं कि ऐसा ही फर्जीवाड़ा अन्य जिलों में भी किया गया होगा।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में इन दिनों शिक्षा माफिया सक्रिय हैं। यह माफिया फर्जी दस्तावेज बनवाने से लेकर नियुक्ति पत्र तक दिलवाने का काम कर रहे हैं। इस बात का खुलासा हुआ 1 मई को उत्तर प्रदेश में 12460 प्रथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान, जहां मथुरा में 216 पदों में से 185 पदों के लिए नियुक्ति पत्र देने के बाद 25 ऐसे निकले जिन्होंने फर्जी तरीके से नियुक्ति पत्र हासिल कर लिए थे। इन 25 मे से 7 अभ्यर्थी वो थे जिन्होंने दूसरे जनपद से बीटीसी किया था लेकिन नियुक्ति पत्र मथुरा से हासिल कर लिया जबकि नियमानुसार दूसरे जनपद से बीटीसी किया हुआ अभ्यर्थी दूसरे जनपद में नियुक्ति पत्र नहीं ले सकता।
वहीं एक दर्जन के करीब राया ब्लॉक के कारब गांव से हैं। एक ही गाँव से 12 अभ्यर्थियों के नाम आने पर बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कम्प मच गया। इस मामले की जांच की गई तो बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आने के बाद डायट प्राचार्य की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। मथुरा में बड़ा शिक्षक भर्ती घोटाला सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले में गम्भीरता दिखाते हुए अपने स्तर से भी जांच कराने की बात कही है।
हालांकि जांच अभी शिक्षा माफिया तक नहीं पहुँची है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जाँच समिति ने बीएसए ऑफिस के एक बाबू को निलंबित कर दिया है और इस मामले में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले अन्य लोगों की जाँच कर रही है। माना जा रहा है कि शिक्षा माफिया ने नौकरी दिलवाने के नाम पर 10 से 12 लाख रुपये प्रत्येक अभ्यर्थी से वसूले हैं और यह घोटाला केवल मथुरा जनपद में ही नहीं अन्य जनपदों में भी हुआ है।
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