अखिलेश यादव को यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में मिलेगा दो-तिहाई बहुमत, काटजू ने गिनाई 10 वजह
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और अपनी बेबाक टिप्पणियों के जाने जाते रहे मार्कंडेय काटजू ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर ऐसी 10 वजह बताइ हैं कि आखिर क्यों अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 20
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और अपनी बेबाक टिप्पणियों के जाने जाते रहे मार्कंडेय काटजू ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर ऐसी 10 वजह बताइ हैं कि आखिर क्यों अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में पूर्ण बहुमत मिलने वाला है। यूपी विधानसभा चुनावों पर अपनी राय रखते हुए मार्कंडेय काटजू ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पूरे देश के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ ओपिनियन पोल में भाजपा को पूर्ण बहुमत और जीत मिलते हुए दिखाई गई है। उन्होंने कहा कि मेरा अनुमान है कि समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव के लीडरशिप में दो-तिहाई बहुमत पाएगी। वहीं बीजेपी की सीटें समाजवादी पार्टी से भी कम आएंगी। इसके पीछे उन्होंने 10 वजह गिनाई हैं।
1-उन्होंने
कहा
कि
उत्तर
प्रदेश
में
मुख्यत
जाति
और
धर्म
के
आधार
पर
ही
वोट
दिए
जाते
हैं।
वर्ष
2014
में
जिस
समय
मोदी
लहर
चल
रही
थी,
उस
अपवाद
को
अलग
कर
दें
तो
आज
के
समय
में
कोई
ऐसी
लहर
नहीं
है।
इसलिए
अब
जो
भी
चुनाव
होंगे
और
वोट
दिए
जाएंगे
वो
जाति
और
धर्म
के
आधार
पर
ही
होंगे।
उन्होंने
कहा
कि
नोटबंदी
के
फैसले
का
भी
भाजपा
को
कोई
फायदा
नहीं
होने
वाला
है।
नोटबंदी
से
छोटा,
मझौला
व्यापारी
और
किसान
सब
प्रभावित
हुए
हैं।
2-उन्होंने
कहा
कि
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
चुनावों
में
चुनाव
जीतने
के
लिए
किसी
भी
उम्मीदवार
को
अधिकतम
30
फीसदी
वोट
मिल
ही
चाहिए
होते
हैं।
यह
जरूरी
नहीं
है
कि
चुनाव
जीतने
के
लिए
उसे
50
फीसदी
वोट
मिलें।
3-बीजेपी
का
वोट
बैंक
मुख्य
तौर
पर
ब्राह्म्ण,
क्षत्रिय,
वैश्य
है
जोकि
कुल
मिलाकर
वोटर
का
18-20
फीसदी
है।
इसके
अलावा
ओबीसी
के
एक
छोटे
वर्ग
का
5-6
फीसदी
वोट
बीजेपी
को
मिल
सकता
है
जोकि
कुल
मिलाकर
25-26
फीसदी
होता
है
जोकि
30
फीसदी
वोट
से
कम
है।
इसके
अलावा
दूसरी
असलियत
यह
भी
है
कि
नोटबंदी
के
चलते
बीजेपी
को
5
फीसदी
वोटों
का
नुकसान
हो
सकता
है।
बहुत
से
लोगों
नौकरी
नोटबंदी
के
चलते
चली
गई
है।
साथ
ही
नोटबंदी
का
असर
सारी
जातियों
और
समुदाय
के
लोगों
पर
हुआ
है।
उन्होंने
कहा
कि
जो
लोग
भारत
को
डिजिटल
इंडिया
बनाने
के
बारे
में
सोच
रहे
थे
वो
यह
भूल
गए
कि
भारत
अमेरिका
और
यूरोप
की
तरह
विकसित
देश
नहीं
है।
इसकी
वजह
से
भाजपा
को
वोट
प्रतिशत
घटकर
20-21
फीसदी
तक
कम
हो
जाएगा।
इसका
असर
यह
होगा
कि
वो
बहुजन
समाज
पार्टी
से
भी
पीछे
रह
जाएगी।
समाजवादी
पार्टी
से
तुलना
करना
तो
दूर
की
बात
है।
उन्होंने
कहा
कि
वर्ष
2014
में
बहुत
से
युवाओं
ने
भाजपा
को
इसलिए
वोट
किया
था
क्योंकि
उन्हें
उम्मीद
थी
कि
विकास
होगा
और
उन्हें
नौकरी
मिलेगी।
उन्होंने
लिखा
कि
देश
की
विकास
दर
घट
गई
है
और
इस
साल
नोटबंदी
के
चलते
4
लाख
नौकरियां
जा
सकती
हैं।
4-बीएसपी
का
वोट
बैंक
20
फीसदी
अनूसचित
जाति
और
2
फीसदी
अनूसचित
जनजाति
वाला
है।
5-समाजवादी
पार्टी
का
मुख्य
वोट
बैंक
ओबीसी
है
जोकि
कुल
20
से
22
फीसदी
हैं।
सारे
ओबीसी
मिलाकर
30
फीसदी
हैं
पर
सारे
ओबीसी
जाति
के
लोग
समाजवादी
पार्टी
को
वोट
नहीं
देंगे।
6-कांग्रेस
के
वोटबैंक
की
मौजूदगी
उत्तर
प्रदेश
में
नगण्य
है।
आजादी
के
बाद
से
उत्तर
प्रदेश
में
कांग्रेस
से
लगातार
खराब
होती
गई
है।
आजादी
के
समय
कांग्रेस
को
कुल
50
फीसदी
वोट
मिल
जाता
था।
पर
आज
के
समय
में
वो
सारा
वोट
बैंक
समाजवादी
पार्टी
और
बहुजन
समाजपार्टी
के
पास
चला
गया
है।
वहीं
सवर्ण
समाज
का
वोट
बैंक
बीजेपी
के
पास
आ
गया
है।
7-उत्तर
प्रदेश
में
मुस्लिमों
का
कुल
वोट
बैंक
18-19
फीसदी
है।
यह
वोट
बैंक
बहुत
ज्यादा
महत्वपूर्ण
हो
जाता
है।
काटजू
का
अनुमान
है
कि
उत्तर
प्रदेश
में
मुस्लिम
वोट
बीजेपी
को
बिल्कुल
नहीं
मिलेगा,
इसकी
वजह
बताते
हुए
उन्होंने
इखलाक
हत्या,
मुजफ्फरनगर
और
बल्लभपुर
घटनाएं,
इसके
अलावा
गऊ
रक्षक
और
घर
वापसी
जैसे
मुद्दे
भी
भाजपा
से
मुसलमानों
को
दूर
करते
हैं।
8-उन्होंने
आगे
लिखा
कि
पहले
मुझे
लगता
था
कि
कानून
व्यवस्था
और
मुजफ्फनगर
जैसी
घटनाओं
के
चलते
मुस्लिमों
का
वोट
बैंक
बहुजन
समाज
पार्टी
को
मिलेगा।
पर
हाल
के
घटनाक्रमों
को
देखते
हुए
और
अखिलेश
यादव
का
बतौर
समाजवादी
पार्टी
का
नए
नेता
के
तौर
पर
उभार
हुआ
है।
अगर
समाजवादी
पार्टी
अखिलेश
यादव
की
अगुवाई
में
चुनाव
मैदान
में
जाती
है
तो
पूरा
मुस्लिम
वोट
समाजवादी
पार्टी
के
खाते
में
जाएगा।
अखिलेश
यादव
युवा
और
अपने
पिता-चाचा
की
छवि
से
बाहर
आकर
समाजवादी
पार्टी
को
नया
रंग
दे
रहे
हैं।
अखिलेश
यादव
की
स्वच्छ
छवि
और
उनकी
योग्यता
उनके
साथ
है।
9-उन्होंने
कहा
कि
कुछ
लोग
कह
रहे
हैं
कि
समाजवादी
पार्टी
में
बिखराव
से
खुद
पार्टी
को
घाटा
होगा।
पर
मेरा
मानना
है
कि
इससे
समाजवादी
पार्टी
को
फायदा
होगा।
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
क्योंकि
सारी
पार्टी
अखिलेश
यादव
के
साथ
है
तो
शायद
ही
पार्टी
में
कोई
बिखराव
भी
हो।
अखिलेश
यादव
के
चलते
समाजवादी
पार्टी
को
नई
छवि
मिली
है।
10-उन्होंने
कहा
कि
अगर
22
फीसदी
ओबीसी
वोट
बैंक
के
साथ-साथ
18-19
फीसदी
मुस्लिम
वोट
बैंक
समाजवादी
पार्टी
को
मिल
जाता
है
वो
समाजवादी
पार्टी
को
दो-तिहाई
बहुमत
मिल
सकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
करके
समाजवादी
पार्टी
को
कोई
बहुत
ज्यादा
वोट
नहीं
मिल
जाएंगे,
पर
अगर
दोनों
पार्टियों
का
गठबंधन
होता
है
तो
एक
सेक्युलर
फ्रंट
बनता
है
तो
मुस्लिम
वोट
सीधे
तौर
पर
इसकी
तरफ
जाएगा।