VIDEO: सात साल बाद फिर से जिंदा हो गया विदेशी और पहुंचा अपने घर
पहले तो परिवार को लेकर वो यूं ही बात करता है लेकिन रक्षाबंधन के दिन जब उसने अपनी ही बहनों से राखी बंधवाने से इनकार कर दिया तब परिवार को कुछ अंदेशा हुआ।
लखीमपुर खीरी। क्या पुनर्जन्म होता है? इस बात को लेकर आध्यात्म और साइंस में हमेशा टकराव रहा है। आध्यात्म जहां एक मनुष्य के सात बार तक जन्म लेने की बात कहता है तो वहीं साइंस पुनर्जन्म की बात को सिरे से खारिज करती है। लेकिन इन टकरावों के बीच कभी-कभार ऐसी घटनाएं भी घटती हैं जो साइंस के लिए भी चुनौती पेश कर देती है। कुछ ऐसा ही हुआ है सुआबोझ ग्राम पंचायत के मक्कागंज में।
गांव के रहने वाले शिव कुमार उर्फ नारद के घर 2015 में 15 अगस्त के दिन एक बच्चे ने जन्म लिया। उसका नाम रखा गया जीतन। तीन साल तक जीतन परिवार में घुला-मिला रहा। पर जैसे-जैसे उसने बोलना सीखा वैसे-वैसे वो अपनों को बेगाना सा मानने लगा। अचानक एक दिन उसने कहा कि उसका नाम विदेशी है और उसे अपने घर भोलापुर जाना है। वहां उसका परिवार और बीवी-बच्चे हैं। पहले तो परिवार को लेकर वो यूं ही बात करता है लेकिन रक्षाबंधन के दिन जब उसने अपनी ही बहनों से राखी बंधवाने से इनकार कर दिया तब परिवार को कुछ अंदेशा हुआ। उसने बहनों से कहा कि वो भोलापुर में रहने वाली अपनी बहनों से राखी बंधवाएगा।
उसकी बात में कितनी सच्चाई है ये जानने के लिए शिव कुमार अपने बेटे जीतन को लेकर भोलापुर गांव पहुंचे। शिव कुमार ने उससे उसके घर के बारे में पूछा। इस पर जीतन खुद उसे एक घर में ले गया और बताया कि ये उसी का घर है। घर के अंदर पहुंचने पर उसने वहां रहने वाले सभी सदस्यों को पहचान लिया। मां को देखते ही वो भावुक हो उठा और जाकर उसकी गोद में बैठ गया। इतना ही नहीं उसने कहा कि उसकी पत्नी और बेटियां घर में नहीं हैं। जीतन ने ही बताया कि उसका पुत्र घर में गरीबी के चलते ठेकेदार के साथ बेंगलुरु में काम करने गया था जहां पर 27 मई 2012 को वो समुद्र में नहाते समय डूब गया। मैलानी से बेंगलुरु की दूरी और गरीबी को देखते हुए दिलीप को उसके जन्मभूमि पर नहीं लाया जा सका। लिहाजा दिलीप के शव का अंतिम संस्कार बेंगलुरु में ही कर दिया गया।
दिलीप की मौत के करीब 3 साल के बाद मक्कागंज में शिव कुमार की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया जो इस समय 3 वर्ष का है और उसे पूर्व जन्म की कई चीजें बखूबी याद है। विदेशी मां की गोद में बैठ गया और बताने लगा कि उसने कौन-कौन से सामान कहां रखा है। वहीं ये खबर फैलते ही गांव भर के लोग शिव कुमार के घर पहुंचने लगे हैं और जीतन जो अपने पुर्वजन्म की बातें कर रहा है उसे और कई किस्से सनने की फरमाइसें हो रही हैं।
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