यूपी: प्रेमिका से झगड़ा होने पर प्रेमी ने अपने दिल मारी गोली, विपरीत जगह दिल होने के कारण बची जान
कानपुर। यूपी के कानपुर शहर में एक अजेबों-गरीब मामला देखने को मिला। प्रेमिका से झगड़ा होने पर प्रेमी ने अपने दिल पर मारी गोली, लेकिन प्रेमी दिल बाएं के बजाय दाएं धड़क रहा था। बहुत कम ही लोगों में डेस्को कार्डिया की वजह से दिल बाएं के बजाय दाएं हिस्से में होता है। इस घटना ने निजी अस्पताल के डाक्टरों को उस वक्त हैरत में डाल दिया। जब दिल पर गोली मारने वाला युवक इलाज के लिए पहुंचा। नाजुक हालत में युवक की जांच के दौरान उसके बाएं हिस्से के बजाए दाएं हिस्से में दिल (डेस्को कार्डिया) होने का पता चला। जिसके बाद डाक्टरों ने ऑपरेशन करते हुए युवक की जान बचा ली।
हमीरपुर के मुस्कुरा में रहने वाले सतीश ने बीते 18 सितम्बर को घर पर प्रेमिका से मोबाइल पर बात की। इस बातचीत के दौरान किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। जिसके बाद युवक ने 315 बोर के तमंचे से मोबाइल पर प्रेमिका से बात करते हुए बाएं हिस्से पर सटा कर दिल पर गोली मार ली। गोली की आवाज सुनते ही परिजन पहुंचे और बेटे को रक्तरंजित फर्श पर तड़पता देखा। सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और परिजनों के साथ घायल हालत में युवक को जिला अस्पताल हमीरपुर में भर्ती कराया। जहां उसे कानपुर के लिए रेफर कर दिया। परिजन बेटे को लेकर जनपद के कल्याणपुर इलाके में स्थित एसआईएस अस्पातल लेकर पहुंचे। जहां पर डाक्टर एच0एन0 सिंह व आदित्य त्रिपाठी ने तुरंत जांच की। जांच के बाद डाक्टर्स हैरान रहे गएं। युवक ने जिस तरफ दिल समझकर गोली मारी थी वहा दिल था ही नहीं क्योंकि उसका दिल दो दाएं हिस्से में था। जबकि गोली उसके बीच छाती के गुर्दे से ऊपर फंसी थी।
दाएं हिस्से में दिल धड़कने की बात सामने आते ही डाक्टरों ने (डेस्को कार्डिया) होने की बात परिजनों को बताई और ऑपरेशन करने को कहा। डाक्टरों के मुताबिक डेस्को कार्डिया की स्थिति करोड़ों लोगों में पाई जाती है। आपरेशन के बाद गोली के कुछ छर्रें तो डाक्टरों ने निकाल लिए, लेकिन कुछ छर्रें मांस में धसने के चलते नहीं निकाले जा सके। डा0 एच0एन0 सिंह ने बताया युवक को देखकर एक कहावत सटीक बैठती है कि 'जाको राखे साईया मार सके न कोए'। युवक ने खुद को उसने जिस वक्त गोली मारी थी, उसे भी पता नहीं होगा कि उसका दिल दाई ओर धड़क रहा है। जिसके चलते ही उसकी जान बच गई। ऑपरेशन काफी जटिल था, लेकिन गोली के छर्रें निकाले जाने के बाद वह खतरे से बाहर है और जल्द ही स्वस्थ हो जाएगा। हालांकि अभी उसे एक-दो दिन आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा है।
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