माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के खास ठेकेदार की जमीन के लिए ली गई जान!
जमीन की खरीद-फरोख्त के सिलसिले में तारिक कई बार मिर्जापुर आया था। पिछली बार आने पर उसको बदमाशों ने गोलियों से भून डाला।
मिर्जापुर। माफिया मुन्ना बजरंगी के खास ठेकेदार मोहम्मद तारिक की लखनऊ में हत्या के बाद से पूर्वांचल भर में खलबली मच गई है। पुलिस हत्या के तार पूर्वांचल के जिलों से जुड़े होने को लेकर सक्रिय हो गई है। मिर्जापुर जिले के रैदानी कॉलोनी में जमीन कब्जे को लेकर मुन्ना बरजंगी और अन्य माफिया गिरोह की सक्रियता के बीच तारिक की हत्या हो गई। जमीन की खरीद-फरोख्त के सिलसिले में तारिक कई बार मिर्जापुर आया था। झांसी जेल में बंद प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी के खास ठेकेदार मोहम्मद तारिक की लखनऊ के गोमतीनगर थाना क्षेत्र में दयाल पैराडाइज चौराहे के पास फॉर्च्यूनर कार पर बेखौफ बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां बरसा कर मौत के घाट उतार दिया।
लखनऊ में गोली मारकर हुई हत्या
मुन्ना बजरंगी के खास ठेकेदार की हत्या के बाद से पूर्वांचल के जरायम की दुनिया में हलचल तेज हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। इसमें एक आरोपी वाराणसी जिले का रहने वाला है। पुलिस हत्या के कारण की छानबीन में जुटी है। मुन्ना बजरंगी गुट में भी खलबली मची है कि आखिर हत्या को अंजाम किसने दिया। वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो टेंडर विवाद, जमीनी विवाद के साथ भितरघात के एंगल पर भी छानबीन हो रही है। जमीनी विवाद के तार मिर्जापुर जिले से जुड़े बताए जा रहे हैं। इसमें नगर के रामबाग के पास रैदानी कॉलोनी के अंदर स्थित करोड़ों की जमीन को लेकर मुन्ना बजरंगी और पूर्वांचल के दूसरे गुट सक्रिय थे।
अन्य जमीन पर थी नजर
मुन्ना बजरंगी की ओर से तारिक कई बार जमीन की खरीद-फरोख्त के लिए मिर्जापुर आ चुका था। जमीन पर कब्जे को लेकर कई बार पंचायत भी हुई है। सूत्रों की माने तो तारिक ने कई स्थानीय लोगों को पैसा देकर भी मामला सेट कर लिया था। जमीन पर प्लाटिंग के लिए नक्शा भी बना दिया गया था। इस बीच लखनऊ में उसकी हत्या हो गई। तारिक रैदानी कॉलोनी की जमीन पर पक्का पुल के पास बसही की जमीन पर भी उसकी नजर थी। उस जमीन पर भी कई गुट कब्जा करना चाहते थे। उस पर तारिक भी कब्जा करने के लिए नजर गड़ा चुका थी।
शक के दायरे में पूर्वांचल के शूटर्स
मूल रूप से विशेश्वरगंज (कोतवाली) निवासी तरिक की हत्या भले लखनऊ में की गई हो लेकिन पुलिस को शक है कि इसे अंजाम देने वाले शूटर्स पूर्वांचल के ही हैं। इनमें से कई ऐसों पर भी शक जताया जा रहा है जो पहले बजरंगी से जुड़े थे और किन्हीं कारणों से अलग हो गए। तारिक का बढ़ता कद पूर्वांचल के पहले से स्थापित कई माफिया को सुहा नहीं रहा था लेकिन खुल कर विरोध करने की स्थिति में ना होने के चलते वो दूसरों को हवा दे रहे थे। सरकारी ठेकों में तारिक ने अच्छी पकड़ बना ली थी और सपा की सरकार में एक मंत्री के करीबियों को चुनौती देते हुए टेंडर डाला था।
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