शिवराज सरकार से रूठे कंप्यूटर बाबा ने बनाया प्लान, ऐसे बीजेपी को करेंगे सत्ता से बाहर
इंदौर। जब मध्य प्रदेश सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया था तो पूरे प्रदेश में बहस छिड़ गई थी। इस महीने की शुरुआत में ही मध्य प्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संत नामदेव शास्त्री उर्फ कंप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब कंप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपनी ताकत का अहसास दिलाने के लिए इंदौर से संत समागम का आगाज किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में संत महात्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम का मुख्य विषय तो नर्मदा संरक्षण और गौरक्षा का मुद्दा था।
कार्यक्रम के दौरान संत समाज केवल मध्यप्रदेश की सरकार से नहीं बल्कि मोदी सरकार से भी बेहद नाराज हैं। अलग-अलग अखाड़ों से संबंध रखने वाले संतों ने आरक्षण के मुद्दे लेकर व्यापंम तक के मुद्दें को जमकर उछाला। भोपाल से आए नितिनानंद ने एक्ट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ जमकर घेरा। तो वहीं जितेन्द्राजी महाराज ने व्यापंम के मुद्दा उछाला। साथ ही सभी संतो ने एक स्वर में मौजूदा सरकार को उखाड़ने का आह्वान किया है।
इधर इस पूरे कार्यक्रम के सुत्रधार कंप्यूटर बाबा ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा। कंप्यूटर बाबा अपने भाषण की शुरुआत के साथ ही भावुक हो गए और उनके आंसू झलक गए। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि इस सरकार को हम उखाड़ फेकेंगे ये सरकार धर्म विरोधी है। फिलहाल,ये तो आगाज है।कंप्यूटर बाबा संतों के समागम में मन की बात के जरिए शिवराज सरकार पर निशाना साधेंगे। कंप्यूटर बाबा यह अभियान मंगलवार से इंदौर में शुरू कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसके बाद कंप्यूटर बाबा ग्वालियर में 30 अक्टूबर, खांडवा में 4 नवंबर, 11 नवंबर को रीवा और 23 नवंबर को जबलपुर में संतों से मुलाकात करेंगे। ऐसे में बीजेपी भी नाराज कंप्यूटर बाबा को मनाने के प्रयास में जुटी है। खबरों की मानें तो बीजेपी इसके लिए दूसरे राज्यों के बड़े-बड़े संतों को कंप्यूटर बाबा के पास भेजने की तैयारी कर रही है।
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