लखनऊ: कई घरों में प्रशासन की शह पर चल रहे हैं होटल, कुछ जगहों पर 'गंदा काम' भी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन स्थित एसएसजे होटल में लगी भयंकर आग में पांच लोग जिंदा जल गए तो वहीं दर्जनों गंभीर रूप से घायल हैं। आग इतनी भयानक थी कि पास ही बना दूसरा होटल भी इसकी जद में आ गया। हांलाकि, काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू तो पा लिया गया है लेकिन इस हादसे में प्रशासन और पुलिस दोनों की घोर लापरवाही सामने आई है। इन गलियों में कई होटल हैं जो अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। कई बार गलियों में चल रहे होटलों में अवैध रुप से देह व्यापार की भी खबरें आती रही हैं। पुलिस ने कई बार छापा मांगकर इन्हें रंगे हाथ पकड़ा भी है।
सुरक्षा मामले में पुलिस की लापरवाही
घटनास्थल का ये इलाका होटलों से भरा पड़ा है। यहां तकरीबन हर घर में होटल है या फिर यूं कहें कि होटल में घर है। पास ही नाका पुलिस स्टेशन है। सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है। लेकिन इन दो-दो कमरों के होटलों में सुरक्षा के इंतजाम जांचने का पुलिस को वक्त नहीं। प्रशासन भी बिना जांच किए ही इन होटलों को लाइसेंस मुहैया करा रहा है और लोगों की जान खतरे में डाल रहा है।
चूक पर होगी सख्त कार्रवाई
घटनास्थल का जायजा लेने आईजी सुजीत पांडेय भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि दोनों होटलों से 50 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। आईजी ने कहा कि आग के कारणों का अभी पता नहीं चल सका है। अगर जांच में होटल के स्तर से चूक मिलती है तो संबंधित के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करेंगे।
अवैध होटल चलने में पुलिस-प्रशासन का हाथ
इस हादसे से पहले भी ये बात सामने आती रही हैं कि एलडीए के अधिकारियों की मिली भगत से ऐसे खतरनाक होटल चल रहे हैं और इनमें पुलिस का भी पूरा योगदान रहता है। खास बात ये है कि नाका पुलिस स्टेशन के सामने ही इस तरह के होटल चल रहे हैं जो पुलिसिया कार्रवाई और प्रशासन की लापरवाही का बड़ा उदाहरण हैं।