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मोदी ने कहलवाया 'दिव्यांग' तो जंग लगे सिस्टम ने सब कर दिया कबाड़ा

12 सितंबर 2016 को इन साइकिलों का वितरण स्थानीय भाजपा सांसद द्वारा किया जाना था लेकिन बार-बार कार्यक्रम टाला गया और नतीजा आपके सामने है...

By Gaurav Dwivedi
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मुरादाबाद। प्रशासन की लापरवाही और स्थानीय नेताओं की उदासीनता ने दिव्यांगों के लिए खरीदे गए लाखों रुपए के सामान को कबाड़ बना दिया। मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र के दिव्यांगों के लिए खरीदी गई ट्राई साइकिलों को पिछले एक साल से वितरित ही नहीं किया गया। पुलिस अस्पताल के प्रांगण में रखी सैकड़ों साइकिलें जंग खाकर कबाड़ में तब्दील हो गई।

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मोदी ने कहलवाया 'दिव्यांग' तो जंग लगे सिस्टम ने सब कर दिया कबाड़ा

अधिकारी वितरण के लिए लाभार्थियों की सूचि बनाते ही रह गए। जिला प्रशासन और जिम्मेदार विभाग अब साइकिलों के खराब होने पर अब इधर-उधर के बहाने बनाकर पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर 22 लाख 23 हजार रुपए की ट्राई साइकलों को कबाड़ होने से रोकने की कोशिश क्यों नहीं की गई और अब दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी।

मोदी ने कहलवाया 'दिव्यांग' तो जंग लगे सिस्टम ने सब कर दिया कबाड़ा
मोदी ने कहलवाया 'दिव्यांग' तो जंग लगे सिस्टम ने सब कर दिया कबाड़ा

जिला पुलिस अस्पताल के मैदान में रखी इन ट्राई साइकिलों को एक साल पहले विकलांगों को वितरित करने के लिए खरीदा गया था। 12 सितंबर 2016 को इन साइकिलों का वितरण स्थानीय भाजपा सांसद द्वारा किया जाना था लेकिन समय ना मिलने के चलते ये कार्यक्रम टाल दिया गया। इसके बाद भारतीय कृतिम अंग निर्माण निगम और स्थानीय सांसद द्वारा बड़े स्तर पर कार्यक्रम कराने की बात कही गई और मुरादाबाद के साथ बिजनौर जिलों के लाभार्थियों को भी कार्यक्रम में शामिल करने को कहा गया। एक हजार से ज्यादा लाभार्थियों को लेकर बड़े कार्यक्रम की तैयारी कर ली गई थी लेकिन फिर कैबिनेट मंत्री को बुलाने को लेकर मामला फंस गया और साइकिलें फिर भी नहीं बंट पाई।

मोदी ने कहलवाया 'दिव्यांग' तो जंग लगे सिस्टम ने सब कर दिया कबाड़ा

जिला विकलांग जन विकास अधिकारी अभय श्रीवास्तव इसके लिए सांसद की उदासीनता और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कबाड़ हो चुकी ट्राई साइकिलों को वितरित करने के लिए अब आनन-फानन में 21 मई को कार्यक्रम रखा गया है। प्रशासन के अधिकारी भी मानते हैं की इन साइकिलों को अब वितरित नहीं किया जा सकता। लाखों रुपए मूल्य की साइकिलों को अब अधिकारी बदलवाने की बात कह रहे हैं। जंग खाकर सैकड़ों ट्राई साइकिलें कबाड़ में तब्दील हो गई लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के कान पर जू भी नही रेंगी। दिव्यांगों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता में बेशक हो लेकिन इन लापरवाही से तो हकीकत कुछ और ही कह रही है।

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English summary
Lakh of Tricycles for disables have wasted by administration
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